नई दिल्ली:
दिल्ली के गांधीनगर में पांच-वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार के पांच दिन बाद आरोपी को बिहार के मुजफ्फरपुर में उसके ससुराल से शनिवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। जांचकर्ताओं का कहना है कि यह 22-वर्षीय विवाहित युवक अपराध करने के ठीक बाद राजधानी छोड़कर भाग निकला था।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) प्रभाकर ने संवाददाताओं को बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाले अनियमित कर्मचारी मनोज कुमार को पटना से 50 किलोमीटर दूर स्थित मुजफ्फरपुर के चिकनौटा से सुबह दो बजे गिरफ्तार किया गया।
प्रभाकर ने कहा कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी मनोज ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह 15 अप्रैल की शाम सात बजे स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस पकड़ने के लिए घर से निकल पड़ा था। यह गाड़ी दिल्ली से रात साढ़े आठ बजे रवाना हो गई थी।
लड़की की मां ने पुलिस को बताया था कि पीड़िता घर के बाहर खेल रही थी और शाम को लगभग छह बजे लापता हो गई। अगर पीड़िता की मां और आरोपी मनोज दोनों की बातों पर यकीन किया जाए, तो बच्ची का अपहरण और वीभत्स बलात्कार एक घंटे की अवधि में हुआ।
प्रभाकरन ने कहा, हमने मनोज की ट्रांजिट रिमांड ले ली है। उसे दिल्ली लाया जा रहा है। हमें कई तथ्यों की पुष्टि करने के लिए उससे पूछताछ करनी है। मनोज की शादी एक साल पहले हुई थी। 15 साल पहले वह अपने पिता बिंदेश्वर साही के साथ दिल्ली आ गया था। साही पुराने सीलमपुर में जूस की एक दुकान चलाता है। मनोज के दो भाई और चार बहनें हैं, जो बिहार में ही रहते हैं।
इस वारदात के घटनाक्रम के बारे में प्रभाकर ने कहा कि मनोज ने पुलिस को बताया कि रात साढ़े आठ की ट्रेन पकड़ने के लिए वह शाम सात बजे घर से निकल पड़ा था। वह 16 अप्रैल की शाम अपने मूल गांव पहुंचा और फिर अगले दिन अपने ससुराल चला गया। जब पुलिस से किसी अन्य व्यक्ति के भी इस मामले में शामिल होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता के बारे में जानने के लिए उन्हें मनोज से पूछताछ करनी है। प्रभाकर ने कहा, उसने हमें बताया कि उसने लड़की को मरा हुआ समझकर घर छोड़ा था। लड़की 40 घंटों तक मकान के अंदर ही थी।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) प्रभाकर ने संवाददाताओं को बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाले अनियमित कर्मचारी मनोज कुमार को पटना से 50 किलोमीटर दूर स्थित मुजफ्फरपुर के चिकनौटा से सुबह दो बजे गिरफ्तार किया गया।
प्रभाकर ने कहा कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी मनोज ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह 15 अप्रैल की शाम सात बजे स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस पकड़ने के लिए घर से निकल पड़ा था। यह गाड़ी दिल्ली से रात साढ़े आठ बजे रवाना हो गई थी।
लड़की की मां ने पुलिस को बताया था कि पीड़िता घर के बाहर खेल रही थी और शाम को लगभग छह बजे लापता हो गई। अगर पीड़िता की मां और आरोपी मनोज दोनों की बातों पर यकीन किया जाए, तो बच्ची का अपहरण और वीभत्स बलात्कार एक घंटे की अवधि में हुआ।
प्रभाकरन ने कहा, हमने मनोज की ट्रांजिट रिमांड ले ली है। उसे दिल्ली लाया जा रहा है। हमें कई तथ्यों की पुष्टि करने के लिए उससे पूछताछ करनी है। मनोज की शादी एक साल पहले हुई थी। 15 साल पहले वह अपने पिता बिंदेश्वर साही के साथ दिल्ली आ गया था। साही पुराने सीलमपुर में जूस की एक दुकान चलाता है। मनोज के दो भाई और चार बहनें हैं, जो बिहार में ही रहते हैं।
इस वारदात के घटनाक्रम के बारे में प्रभाकर ने कहा कि मनोज ने पुलिस को बताया कि रात साढ़े आठ की ट्रेन पकड़ने के लिए वह शाम सात बजे घर से निकल पड़ा था। वह 16 अप्रैल की शाम अपने मूल गांव पहुंचा और फिर अगले दिन अपने ससुराल चला गया। जब पुलिस से किसी अन्य व्यक्ति के भी इस मामले में शामिल होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता के बारे में जानने के लिए उन्हें मनोज से पूछताछ करनी है। प्रभाकर ने कहा, उसने हमें बताया कि उसने लड़की को मरा हुआ समझकर घर छोड़ा था। लड़की 40 घंटों तक मकान के अंदर ही थी।
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