कोरोना से हुई कुल मौतों में से लगभग 48 प्रतिशत आठ राज्यों के 25 जिलों में : स्वास्थ्य मंत्रालय

देश में कोविड-19 से हुई कुल मौतों में से लगभग 48 प्रतिशत आठ राज्यों के 25 जिलों में केंद्रित है, जिनमें से 15 जिले केवल महाराष्ट्र में हैं.

कोरोना से हुई कुल मौतों में से लगभग 48 प्रतिशत आठ राज्यों के 25 जिलों में : स्वास्थ्य मंत्रालय

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

देश में कोविड-19 से हुई कुल मौतों में से लगभग 48 प्रतिशत आठ राज्यों के 25 जिलों में केंद्रित है, जिनमें से 15 जिले केवल महाराष्ट्र में हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत में कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक 56 लाख से ज्यादा है और भारत में कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए जितनी जांच की गयी वे संख्या के हिसाब से इस मामले में दुनिया की दूसरी सबसे अधिक संख्या है जो 8.10 करोड़ है.

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले लगभग दो सप्ताह में नये मामलों की संख्या की तुलना में ठीक होने वाले लोगों की संख्या अधिक है. पिछले 14 दिनों में दर्ज किये गये नये मामलों की संख्या पहले प्रतिदिन आ रहे 90 हजार मामलों की संख्या से कम है.'' कोविड-19 से होने वाली मौतों पर आंकड़ा देते हुए भूषण ने कहा कि कोविड-19 से हुई कुल मौतों में से 48 प्रतिशत आठ राज्यों के 25 जिलों में केंद्रित है. भूषण ने कहा, ‘‘इन 25 जिलों में से 15 जिले केवल एक राज्य महाराष्ट्र में है. दो-दो जिले कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और गुजरात में और एक-एक जिला तमिलनाडु, पंजाब, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में है.''

उन्होंने कहा कि मंत्रालय वहां कोविड-19 मामलों की मृत्यु दर को नीचे लाने के लिए इन राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि 30 सितम्बर से छह अक्टूबर तक कोविड-19 की पॉजिटिविटी दर औसत दैनिक 16-22 सितम्बर के बीच 9.21 प्रतिशत से घटकर 6.82 प्रतिशत दर्ज की गई. उन्होंने बताया, ‘‘ कोविड-19 के औसत दैनिक नये मामलों में गिरावट आई. दो से आठ सितम्बर तक 84,179 मामले दर्ज किये गये थे जबकि 30 सितम्बर से छह अक्टूबर के बीच 77,113 मामले दर्ज किये गये.'' उन्होंने बताया, ‘‘देश में सक्रिय कुल मामलों में से महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश समेत दस राज्यों में 77 प्रतिशत मामले हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाया है कि जब हम कहना शुरू करते हैं कि गिरावट है, तो लोग लापरवाह और कम सतर्क हो जाते हैं और हम फिर से मामलों की संख्या में वृद्धि देखते हैं.'' भूषण ने कहा, ‘‘हम त्योहार और सर्दियों के मौसम में जा रहे है जो इस बीमारी के फैलने के लिए काफी अनुकूल है और हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.

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हमने सभी राज्यों से कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जन स्वास्थ्य रणनीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करें.'' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) का एक भारतीय वाणिज्यिक इकाई के साथ समझौता है, जिसने कोविड-19 के खिलाफ अपने स्पुतनिक पांच टीके के क्लीनिकल परीक्षणों के लिए भारतीय नियामक से संपर्क किया है, और बाद में कुछ सुझाव दिए हैं जिन्हें इसमें शामिल करने की आवश्यकता है. एक अन्य सवाल के जवाब में भूषण ने कहा कि कोविड-19 डयूटी में लगे अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख रुपये की बीमा योजना के तहत 95 मामलों में भुगतान किया गया है जबकि 176 दावों को निपटाने की प्रक्रिया चल रही है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)