मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले शुभेंदु अधिकारी की तुलना रविवार को बिना लक्षण वाले कोविड-19 मरीज के साथ की. साथ ही उन्होंने अधिकारी पर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के साथ ''''विश्वासघात'''' करने और इसे ''''अंदरूनी तौर पर नुकसान पहुंचाने'''' का आरोप लगाया.
तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष अभिषेक ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के पूर्व सहयोगी ने सीबीआई और ईडी के डर के चलते भाजपा में शामिल होने के लिए अचानक ''''राजनीतिक पैंतरेबाजी'''' का सहारा लिया.
अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए डायमंड हार्बर के सांसद ने कहा, '''' पार्टी में कुछ ऐसे लोग थे जोकि बिना लक्षण वाले कोविड-19 मरीजों की तरह थे. हम ऐसे वायरसों से पीछा छूट जाने से खुश हैं, जिन्होंने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के साथ ''''विश्वासघात'''' किया और पिछले कुछ महीनों से इसे ''अंदरूनी तौर पर नुकसान पहुंचाने'' में लगे थे.''''
गृह मंत्री अमित शाह की 19 दिसंबर की मेदिनीपुर रैली के दौरान अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के पांच विधायकों एवं एक सांसद के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे.
अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''''स्वार्थी कारणों से तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के इच्छुक लोग, ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं. अगर आपमें हिम्मत है तो अपनी स्वयं की पार्टी का गठन करें जिस तरह 1998 में ममता बनर्जी ने किया था. उन्होंने भाजपा अथवा माकपा का दामन नहीं थामा था.''''
उन्होंने अधिकारी का नाम लिए बिना चुनौती दी कि यदि कोई यह साबित कर दे कि वह अवैध वसूली की किसी गतिविधि में शामिल थे, तो वह जनता की अदालत में कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं.
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