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This Article is From Jan 08, 2011

आदर्श घोटाला : जांच कमेटी संदेह के घेरे में

बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेए पाटिल घोटाले में कथित अनियमितता की जांच करने वाले आयोग के मुखिया होंगे।
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मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेए पाटिल आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में कथित अनियमितता की जांच करने वाले आयोग के मुखिया होंगे। इस घोटाले की वजह से ही अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि आयोग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव पी सुब्रह्मण्यन आयोग के अन्य सदस्य होंगे। दो सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा राज्य सरकार ने पिछले महीने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान की थी। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, जांच आयोग को आदर्श सोसाइटी में अनियमितता की जांच करनी है। इसकी अध्यक्षता बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेए पाटिल करेंगे और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव पी सुब्रह्मण्यन आयोग के दूसरे सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि आयोग का गठन इन्क्वायरी कमीशन एक्ट, 1952 के तहत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, आयोग आदर्श सोसाइटी के भूमि के स्वामित्व मामले की, फ्लैटों का आरक्षण, नजदीकी प्रकाश पेठे मार्ग का विस्तार, बेस्ट (सिविक) भूखंड के आरक्षण में बदलाव, तटीय नियमन क्षेत्र मानक का उल्लंघन और नौकरशाहों की भूमिका की जांच करेगा। आयोग भविष्य में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए भी सिफारिशें करेगा। चव्हाण ने कहा कि राज्य सरकार आदर्श सोसाइटी द्वारा किए गए उल्लंघनों की जांच को लेकर गंभीर है। पॉश कोलाबा इलाके में 31 मंजिला सोसाइटी का निर्माण कथित तौर पर कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों को देने के लिए आरक्षित भूखंड पर किया गया। ये फ्लैट नौकरशाहों और नेताओं के परिजनों को आवंटित कर दिए गए। गत महीने घोटाले की बात सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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