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This Article is From Jan 18, 2018

2G मामले पर ए राजा ने मनमोहन सिंह की चुप्पी पर उठाए सवाल, विनोद राय पर साधा निशाना

पूर्व दूरसंचार मंत्री एंदीमुथु राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की स्पष्ट चुप्पी पर सवाल उठाये हैं.

2G मामले पर ए राजा ने मनमोहन सिंह की चुप्पी पर उठाए सवाल, विनोद राय पर साधा निशाना
ए राजा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: पूर्व दूरसंचार मंत्री एंदीमुथु राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की स्पष्ट चुप्पी पर सवाल उठाये हैं. राजा का कहना है कि मनमोहन उस दूरसंचार नीति का बचाव करने के लिए कुछ क्यों नहीं बोले जिसे उन्होंने खुद मंजूरी दी थी. बता दें कि सीबीआई की एक अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आंवटन घोटाला मामले में ए राजा सहित सभी आरोपियों को हाल ही में बरी कर दिया था. अपनी किताब ‘2जी सागा अनफोल्डस’ (2जी कथा की सच्चाई) में राजा ने तत्कालीन नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय पर निशाना साधा है. राजा के अनुसार राय ने ‘गलत उद्देश्यों’ के चलते कैग के पद का एक तरह से ‘सौदा’ कर लिया. राय ने ही स्पेक्ट्रम आवंटन में गड़बड़ियों के चलते सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये के ‘प्रकल्पित’ घाटे की बात कही थी.

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राजा का दावा है कि नई कंपनियों को 2जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए उन्होंने मनमोहन सिंह की ‘मंजूरी’ ली थी. उन्होंने इससे पहले मनमोहन को सारी प्रक्रिया के बारे में बताया और यह भी सूचित किया कि इसके लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम उपलब्ध होगा है. राजा ने यह किताब मामले में सुनवाई प्रक्रिया के दौरान ही लिख ली. किताब में दावा किया गया है कि सिंह को उनके सलाहकारों ने बारंबार गलत सूचनाएं दी और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) दूरसंचार लॉबी के दबाव में था. राजा के अनुसार, ‘मेरी पूरी तरह से उचित कार्रवाइयों के बचाव के संबंध में संप्रग सरकार और डॉ मनमोहन सिंह की स्पष्ट चुप्पी कुछ ऐसी ही है जैसे हमारे देश की समूची अंतरात्मा ने चुप्पी साथ ली हो’

इसके साथ ही राजा का दावा है कि पूर्व प्रधानमंत्री को स्पेक्ट्रम आवंटन के संबंध में सीबीआई द्वारा मारे जा रहे छापों की कोई सूचना नहीं थी. उन्होंने लिखा है, ‘22 अक्तूबर 2009 को (सीबीआई द्वारा दूरसंचार मंत्रालय व कुछ दूरसंचार कंपनियों के कार्यालयों पर छापेमारी के बाद मैं शाम सात बजे प्रधानमंत्री से मिला. पीएमओ में प्रधान सचिव टी के ए नायर भी उस समय मौजूद थे. लोगों को हैरानी होगी कि प्रधानमंत्री को जब मैंने सीबीआई के छापों के बारे में बताया तो वे कुछ हतप्रभ रह गए.’ अपनी किताब में राजा ने 2जी घोटाले को ‘देश की प्रशासनिक प्रणाली की पवित्रता पर शर्मनाक धब्बा’ करार दिया है.

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राजा के अनुसार सह ‘संप्रग-दो की हत्या के लिए राजनीति से प्रेरित मामला था जिसमें विनोद राय के कंधें पर रखकर बंदूक चलाई गई.’ उन्होंने लिखा है कि तत्कालीन कैग ने ‘एक बिल्ली की तरह व्यवहार किया जो अपनी आंखें बंद कर लेती है और कहती है कि सारी दुनिया में अंधेरा हो गया.’ उल्लेखनीय है कि एक विशेष अदालत ने इस मामले में पिछले महीने राजा व सभी अन्य आरोपियों को बरी कर दिया जिन भर भ्रष्टाचार व धोखाधड़ी के आरोप थे. कैग ने स्पेक्ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रुपये के घोटाले की बात की थी जिसके चलते उच्चतम न्यायालय ने कंपनियों को जारी 122 लाइसेंस रद्द कर दिए. आरोप था कि बिना नीलामी के दूरसंचार स्पैक्ट्रम आवंटन में गड़बड़ी के चलते सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित घोटाले की चर्चा से उत्पन्न वातावरण के चलते तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को खासी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी.

VIDEO: क्‍या मीडिया और विपक्ष का घालमेल रहा 2जी?

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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