बोट में कुल 25 यात्री सवार थे.
मुंबई:
अरब सागर में मुम्बई तट के पास महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों सहित 25 लोगों को लेकर जा रही एक नाव डूब गई. इस घटना में अब एक व्यक्ति की मौत की खबर सामने आ रही है. जबकि अन्य लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. गौरतलब है कि नौसेना ने पहले बताया था कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव डी के जैन उस नौका पर सवार थे लेकिन अधिकारी ने बाद में यह कहते हुए इंकार किया वह दूसरी नौका से यात्रा कर रहे थे. छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रस्तावित स्मारक स्थल पर अधिकारी जब चार नाव में सवार होकर जा रहे थे तब यह दुर्घटना हुई. वहां बुधवार को काम शुरू होना था. नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि एक नाव चट्टानों से टकराकर डूब गई. नौसेना, तटरक्षक बल और पुलिस ने जहां 24 लोगों को बचा लिया वहीं विनायक मेटे के नेतृत्व वाली शिव संग्राम पार्टी के कार्यकर्ता सिद्धेश पवार (20) लापता हो गए थे.
तटरक्षक बल के एक अधिकारी ने बताया कि बचाव कार्य में दो हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है. पुलिस ने बताया कि बाद में पवार के शव को गोताखोरों ने बरामद कर लिया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मृतक के परिजन के लिए पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की और घटना की जांच के आदेश दिए. फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि नाव दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी. समय पर भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की तरफ से सहायता मुहैया कराए जाने के कारण बड़ी दुर्घटना टल गई. राज्य सरकार घटना की जांच कराएगी. दुर्घटना में बचे एक व्यक्ति ने दावा किया कि प्रथमदृष्ट्या दो इंजन वाले नाव के कप्तान के ‘‘फैसले की भूल'' के कारण दुर्घटना हुई.
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उन्होंने कहा कि नाव का कप्तान लंबे मार्ग से नाव ले जा सकता था. उन्होंने कहा कि चूंकि उस इलाके को प्रांग्स रीफ लाइटहाउस के नाम से जाना जाता है और यह चट्टानी इलाका है इसलिए छत्रपति शिवाजी के प्रस्तावित स्मारक तक पहुंचने के लिए कप्तान लंबे मार्ग को चुन सकता था. महानगर के एक अंग्रेजी टेबलायड के संवाददाता ने कहा कि कप्तान को उस इलाके से नाव नहीं ले जानी चाहिए थी क्योंकि चट्टानों से होकर गुजरना काफी कठिन था. (इनपुट भाषा से)
All affected people in the capsized boat have been rescued: Indian Coast Guard PRO. #Maharashtra https://t.co/WEYoRdFmWW
— ANI (@ANI) October 24, 2018
तटरक्षक बल के एक अधिकारी ने बताया कि बचाव कार्य में दो हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है. पुलिस ने बताया कि बाद में पवार के शव को गोताखोरों ने बरामद कर लिया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मृतक के परिजन के लिए पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की और घटना की जांच के आदेश दिए. फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि नाव दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी. समय पर भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की तरफ से सहायता मुहैया कराए जाने के कारण बड़ी दुर्घटना टल गई. राज्य सरकार घटना की जांच कराएगी. दुर्घटना में बचे एक व्यक्ति ने दावा किया कि प्रथमदृष्ट्या दो इंजन वाले नाव के कप्तान के ‘‘फैसले की भूल'' के कारण दुर्घटना हुई.
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उन्होंने कहा कि नाव का कप्तान लंबे मार्ग से नाव ले जा सकता था. उन्होंने कहा कि चूंकि उस इलाके को प्रांग्स रीफ लाइटहाउस के नाम से जाना जाता है और यह चट्टानी इलाका है इसलिए छत्रपति शिवाजी के प्रस्तावित स्मारक तक पहुंचने के लिए कप्तान लंबे मार्ग को चुन सकता था. महानगर के एक अंग्रेजी टेबलायड के संवाददाता ने कहा कि कप्तान को उस इलाके से नाव नहीं ले जानी चाहिए थी क्योंकि चट्टानों से होकर गुजरना काफी कठिन था. (इनपुट भाषा से)
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