दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने मोहल्ला क्लिनिक (Mohalla Clinic) का नया मॉडल तैयार किया है. अब शिपिंग कंटेनर (Shipping Container) में मोहल्ला क्लिनिक तैयार किया गया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्र शकूरबस्ती के रानी बाग़ इलाके में मोहल्ला क्लीनिक का नया मॉडल तैयार करके लगाया गया है. दो शिपिंग कंटेनर को जोड़कर और अंदर से जरूरत के हिसाब से उसको डिजाइन करके यह मोहल्ला क्लीनिक तैयार किया गया है. इस मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टर के बैठने, टेस्ट के लिए सैंपल कलेक्ट करने, मरीजों के लिए वेटिंग एरिया और फार्मेसी के लिए वुडन वर्क के साथ इंतज़ाम किया गया है. मोहल्ला क्लीनिक में गर्मी से बचाव के लिए एयर कंडीशनर भी लगाए गए हैं.
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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि ' अभी पायलट बेसिस पर दो ऐसे मोहल्ला क्लीनिक शिपिंग कंटेनर के अंदर तैयार कराए गए हैं. इसको चालू करने के बाद इसका फीडबैक लिया जाएगा और फीडबैक के आधार पर आगे का फैसला किया जाएगा. शिपिंग कंटेनर में बनाए गए मोहल्ला क्लीनिक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसको इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कम जगह में भी आपको यह महसूस नहीं होगा की जगह कम है बिल्कुल ऐसे ही जैसे एरोप्लेन में होता है.'
दिल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य के लिए मोहल्ला क्लिनिक एक अहम व्यवस्था है. मोहल्ला क्लीनिक में प्राथमिक स्वास्थ्य जैसे हल्का बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, जुकाम या खांसी जैसे छोटी-छोटी बीमारियों के लिए दवा दी जाती है साथ ही सामान्य ब्लड टेस्ट भी होते हैं. दिल्ली में अभी फिलहाल 500 मोहल्ला क्लिनिक हैं. दिल्ली में अभी तक किराए की जगह पर या फिर पोर्टा केबिन में मोहल्ला क्लिनिक बनाये जा रहे थे लेकिन अब तीसरा मॉडल भी सामने आया है जिसकी सीधी तुलना पोर्टा केबिन मॉडल से होना लाजमी है.
पोर्टा केबिन बनाम शिपिंग कंटेनर
बनाने में समय
पोर्टा केबिन वाला मोहल्ला क्लीनिक साइट पर बनाने में 3 से 4 महीने का वक्त लग जाता है जबकि शिपिंग कंटेनर में मोहल्ला क्लीनिक फैक्ट्री के अंदर तैयार होता है. तैयार होने के बाद साइट पर लाकर उसको लगाने में तीन से चार दिन का ही वक्त लगता है.
एरिया
पोर्टा केबिन वाला मोहल्ला क्लीनिक करीब 600 स्क्वायर फ़ीट एरिया में बनता है जबकि शिपिंग कंटेनर वाला मोहल्ला क्लीनिक करीब 350 स्क्वायर फ़ीट एरिया में बना है.
मज़बूती
पोर्टा केबिन वाला मोहल्ला क्लीनिक चोरों का शिकार बनता रहा है क्योंकि पोटा केबिन में चोरी करना तुलनात्मक रूप से आसान होता है जबकि शिपिंग कंटेनर लोहे का बना होता है ऐसे में ज्यादा मजबूत होने के चलते चोरी की संभावना कुछ कम हो जाती है.
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लागत
एक पोर्टा केबिन और एक शिपिंग कंटेनर मोहल्ला क्लीनिक, दोनों की ही बनाने की लागत लगभग बराबर आती है जो करीब 20 लाख रुपए बैठती है.
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