स्वच्छ भारत मिशन को एक साल हो चुका है और सरकार, एनजीओ की मदद से देश के कई गांवों के घरों में शौचालय बनाए जा रहे हैं। इन सबके बीच कई जगहों पर शौचालय बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम जन साधारण द्वारा किया जा रहा है। ऐसी ही एक मिसाल मध्य प्रदेश के हरनावदा में देखने को मिली जहां 65 साल के लालजी राम ने अपनी बहू को शौचालय का तोहफा दिया।
65 साल के लालजी राम के पास अपनी ज़मीन नहीं हैं, वह मज़दूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं लेकिन इनके इरादे बड़े हैं। गांव के हर घर में शौचालय के लिए लोगों को प्रेरित करनेवाले लालजी राम ने एक शौचालय अपनी बहु सुनीता के लिए बनवाया है। बहु सुनीता को पोलियो है और वो ज़्यादा चल फिर नहीं सकती ऐसे में ससुर ने बहु की तकलीफ़ कम करने के लिए उसे शौचालय का तोहफ़ा दिया है।
एनडीटीवी से बातचीत में लालजी कहते हैं 'सफाई ज़रूरी है इसलिए हमने शौचालय बनवाया है। बहु को पोलियो है इसलिए उसे बाहर जाने में दिक़्कत होती है। हमने लोन लेकर इसे बनवाया है।'
बाहर जाना तकलीफदेह
सुनीता बाई की शादी साल 2007 में हुई था और वो अपने पति, दो बच्चों और ससुर लालजी राम के साथ हरनवाद में रहती है। कुछ महीने पहले तक सुनीता को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता था, शारीरिक अक्षमता की वजह से खेतों में जाना उसके लिए बहुत तकलीफदेह था लेकिन अब घर में शौचालय बनने से सुनीता ख़ुश है।
इस बारे में सुनीता ने बताया 'मेरे मायके में टॉयलेट है इसलिए जब मैं यहां आई तो मुझे काफी परेशानी हुई। मैंने अपने ससुर जी से बात करके उन्हें टॉयलेट बनाने के लिए मनाया और बाकियों को भी शौचालय के लिए प्रेरित किया।'
हरनवादा गांव के सबसे ज़्यादा ग़रीबों में एक लालजी राम की ऐसी पहल बाक़ियों के लिए प्रेरणा बन गई. गांव के 80 परिवारों ने अपने-अपने घरों में शौचालय बनवाए. लिहाज़ा अब गांव पहले की तुलना में ज़्यादा साफ़-सुथरा है और गांव के लोग स्वस्थ हैं.
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