
दिल्ली के छावला इलाके में गोयला डेरी के पास परचून की दुकान पर ग्राहक कम और पुलिस ज्यादा है। 24 घंटे यहां पुलिस का पहरा है। दुकान में संजय अग्रवाल डरे और सहमें हैं। उनकी खौफ की वजह पीछे रखे फ्रिज पर साफ दिखाई देती है। फ्रिज पर 2 गोलयों के निशान साफ देखे जा सकते हैं। ये गोलियां बीते 8 सितंबर को उन्हें निशाना बनाकर मारी गईं, लेकिन गनीमत रही कि वे बाल-बाल बच गए।
संजय के मुताबिक, दो लड़के आए और बोले हत्या के केस वापस ले लो नहीं तो जान से हाथ धोना पड़ेगा।
संजय के मुताबिक, इस दुकान पर 1 मार्च 2014 को भी दो लड़के आए थे, तब दुकान पर उनके छोटे भाई प्रवीण दुकान बंद कर घर जाने ही वाले थे कि अंजान लड़कों ने उनसे पैसों की मांग कर दी। जब पैसा नहीं दिया तो उनके में एक ने 38 साल के प्रवीण पर गोली चला दी। प्रवीण की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रवीण के भाई दीपक दुकान के पास ही रहते हैं। उनके घर भी पुलिस सुरक्षा में तैनात हैं। खौफ इतना है कि दीपक के दोनों बच्चे डर की वजह से नानी के घर चले गए हैं।
दीपक बताते हैं कि प्रवीण की मौत के बाद उनका परिवार मौत के गम से उबरा भी नहीं था कि उसी हफ्ते 7 मार्च को बदमाश उनके घर से अलमारी तोड़कर चार लाख रुपये कीमत के गहने उड़ा ले गए।
परिवार ने चोरी एफआईआर छावला थाने में दर्ज कराई, लेकिन चोर आज तक नहीं पकड़े जा सके।
दीपक का आरोप है कि इन तीनों घटनाओं का आपस में संबंध है। यही नहीं आरोपी उनके परिवार को फोन पर धमकियां देकर कत्ल का केस वापस लेने को लिए कह रहे हैं।
वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि प्रवीण के कत्ल के मामले में एक आरोपी विकास को गिरफ्तार कर लिया गया है और दूसरे के सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम है और उसकी तलाश जारी है।
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