देश के डाकघरों (Post Office) में दावेदारी के अभाव में भारी धनराशि डंप पडी़ हुई है. देश के विभिन्न राज्यों के डाकघरों में जमा यह धनराशि 9395 करोड़ रुपये है. इसका खुलासा संचार मंत्रालय ने बुधवार को संसद में किया है. दरअसल,सांसद भावना गवली और कृपाल बालाजी ने दो जनवरी को सवाल पूछा था,' क्या डाकघरों, लोक भविष्य निधि आदि के बचत खातों में बिना दावे की निधि की बड़ी राशि पड़ी हुई है? यदि हां तो धनराशि का ब्यौरा क्या है. क्या संबंधित खातों में नामिनी की अनुपलब्धता, नामिनी का सत्यापन न होने और विभिन्न अन्य कारणों से डाक विभाग समाधान में कठिनाई पैदा कर रहा है. लिखित जवाब देते हुए संचार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार मनोज सिन्हा ने कहा कि-दावा न की गई राशि का मुख्य कारण जमाकर्ताओं द्वारा पिछले काफी समय से धनराशि न निकाला जाना है.
उन्होंने बताया कि इस तरह की धनराशि की निकासी के लिए सरकार ने नीति बनाई है.दावा न की गई राशि को हैंडल करने और उसका निपटान करने के लिए वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि नियमावली 2016 को अधिसूचित किया है. इससे जुड़े दिशा-निर्देश https://dea.gov.in/budgetdivision/small-savings पर उपलब्ध हैं. मंत्री ने इस दौरान किसान विकास पत्र(केवीपी), एमआइएस( मंथली इनकम सर्टिफिकेट), एनएससी( नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट), पीपीएफ(लोक भविष्य निधि), आवर्ती जमा और सावधि जमा के तहत बिना दावे वाली धनराशि का ब्यौरा दिया. जिसके मुताबिक डाकघरों में संचालित खातों में 9395.00 करोड़ रुपये की धनराशि पड़ी हुई है.
क्या मौत है वजह
माना जाता है कि बैंकों या डाकघरों के खातों में इस तरह की धनराशि पड़े होने की प्रमुख वजह होती है खाताधारक की मौत.खाताधारक की मौत के बाद उसकी ओर से दर्ज नामिनी को भुगतान होता है.मगर कई बार खाताधारक नामिनी के बारे में उपयुक्त जानकारी नहीं देते. या फिर कुछ खाताधारकों के नामिनी ही नहीं उपलब्ध होते. कई बार नामिनी को लेकर भी विवाद खड़ा हो जाता है. इन सब के चलते ऐसे खातों से धनराशि निकलने में समस्या होती है. खातों में धनराशि पड़ी होने के पीछे प्रमुख वजह यही सामने आती है.
किस राज्य में कितनी धनराशि
आंध्र प्रदेश में 224.39, असम में 145.32, बिहार में 243.65, छत्तीसगढ़ में 61.36, दिल्ली में 1112.14, गुजरात में 538.85, हरियाणा में 418.97, हिमाचल प्रदेश में 107.28, जम्मू-कश्मीर में 84.11 करोड़ रुपये जमा हैं. इसी तरह झारखंड में 152.46, कर्नाटक में 286.73, केरल में 259.03, मध्य प्रदेश में 238.68, महाराष्ट्र में 727.40, पूर्वोत्तर में 36.97, ओडिशा में 146.16 करोड़ रुपये, इसी तरह पंजाब में 1033.84, राजस्थान में 388.55, तमिलनाडु में 477.79, तेलंगाना में 164.16 करोड़, उत्तराखंड में 149.62, उत्तर प्रदेश में 806.45 और पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक 1591.16 करोड़ की धनराशि पड़ी हुई है, जिसका कोई दावेदार ही नहीं है.
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