भीमा-कोरेगांव केस में दो साल से बंद 81 साल के कवि और एक्टिविस्ट वरवरा राव को आखिरकार बीती रात रिहा कर दिया गया. राव शनिवार की रात करीब 11.45 बजे मुंबई के नानावती अस्पताल से बाहर आए. उन्हें पिछले महीने ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी थी.
राव का अस्पताल में इलाज चल रहा था. बॉम्बे हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराया था. उनकी वकील इंदिरा जयसिंह ने ट्विटर पर कवि-कार्यकर्ता की रिहाई की एक तस्वीर पोस्ट की है.
Free at last ! Varavara Rao out of Nanavati hospital 11.45 pm, 6th March 2021 pic.twitter.com/e3s0jZNqeM
— Indira Jaising (@IJaising) March 6, 2021
हाईकोर्ट ने इसी के साथ वरवरा राव को हिदायत दी है कि वह मुंबई में ही रहें और जब भी जांच के लिए उनकी जरूरत पड़े, उपलब्ध रहें. बता दें कि इस मामले की जांच NIA कर रही है. पिछली सुनवाई में माओवादियों से संबंध रखने पर गिरफ्तार वरवरा राव की वकील इंदिरा जयसिंह ने हाइकोर्ट में अपने मुव्वकिल की सेहत की जानकारी देते हुए उनके अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था. उन्होंने बताया था कि राव फरवरी, 2020 से अभी तक कुल 365 दिनों में से 149 दिन अस्पताल-जेल में रहे हैं.
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वरवरा राव 28 अगस्त 2018 से कस्टडी में थे. बता दें कि यह मामला 1 जनवरी 2018 को पुणे के निकट भाम-कोरेगांव की जंग की 200वीं वर्षगांठ के जश्न के बाद हिंसा भड़कने से जुड़ा है. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.
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