1 जून से लॉकडाउन खोलने के पक्ष में दिल्ली के 80% व्यापारी- सर्वे

560 संगठनों में से लगभग 450 संगठनों का कहना था कि  दिल्ली में कोरोना केस और संक्रमण दर कम हो रहे हैं इसलिए अब समय आ गया है कि दिल्ली में 1 जून से लॉकडाउन खोलते हुए बाजारों और फैक्ट्रियों को खोलने की अनुमति दी जाए.  हालांकि, कुछ  एसोसिएशन्स ने कहा कि लॉकडाउन 1 हफ्ते और आगे बढ़ा दिया जाए और कुछ एसोसिएशन्स ने कहा कि सरकार जो भी निर्णय लेगी वो उसके साथ हैं.

1 जून से लॉकडाउन खोलने के पक्ष में दिल्ली के 80% व्यापारी- सर्वे

दिल्ली के 80 फीसदी व्यापारी अब 1 जून से बाजार और फैक्ट्रियों को खोलने के पक्ष में हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के 80 फीसदी व्यापारी अब 1 जून से बाजार और फैक्ट्रियों को खोलने के पक्ष में हैं. दिल्ली में व्यापारियों के संगठन चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री  (सीटीआई) के एक सर्वे में यह बात सामने आई है. CTI के सर्वे में 560 व्यापारी एवं औद्योगिक संगठनों ने राय दी है कि कड़ी शर्तों के साथ बाजार और फैक्ट्रियां खोली जाएं.

कोरोनावायरस (Coronavirus)  संक्रमण के मामलों में कमी आने के साथ हरियाणा, गुजरात जैसे राज्यों में कुछ शर्तों के साथ बाजार और फैक्ट्रियां खुलने लगी हैं. चूंकि दिल्ली में भी कोरोना संक्रमण में काफी गिरावट आई है इसलिए अब दिल्ली के व्यापारियों ने भी सरकार से बाजारों और फैक्ट्रियों को खोलने की गुहार लगाई है.

दिल्ली सरकार ने कोरोनावायरस (Coronavirus)  के कारण भयावह होती स्थिति को देखते हुए 31 मई तक  के लॉकडाउन की घोषणा की थी  जो कि अगले सोमवार सुबह तक लागू रहेगा. सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार हर हफ्ते स्थिति की समीक्षा करके  एक हफ्ते का  लॉकडाउन लगाकर बहुत ही संतुलित निर्णय ले रही थी. अब चूंकि सोमवार सुबह लॉकडाउन की अवधि समाप्त हो रही है इसलिए हमने दिल्ली के तमाम व्यापारियों के बीच एक सर्वे कराया है.

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इस सर्वे में दिल्ली के लगभग  560   व्यापारी संगठनों ने  हिस्सा लिया  जिसमें मार्केट एसोसिएशन्स, इंडस्ट्री एसोसिएशन्स, होटल एवं रेस्टोरेन्ट एसोसिएशन्स, ब्यूटी एवं वेलनेस एसोसिएशन्स शामिल है. सर्वे में कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, खारी बावली, करोल बाग, कमला नगर, लाजपत नगर, कनोट प्लेस, कीर्ति नगर, कृष्णा नगर,  राजौरी गार्डन, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, शाहदरा, गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, रोहिणी, पीतमपुरा, जनकपुरी, मालवीय नगर, द्वारका, ग्रेटर कैलाश आदि बाजारों के व्यापारियों ने हिस्सा लिया.

सीटीआई के कोषाध्यक्ष सुधीर जैन और उपाध्यक्ष नवदीप मल्होत्रा ने बताया कि इन 560 संगठनों में से लगभग 450 संगठनों का कहना था कि  दिल्ली में कोरोना केस और संक्रमण दर कम हो रहे हैं इसलिए अब समय आ गया है कि दिल्ली में 1 जून से लॉकडाउन खोलते हुए बाजारों और फैक्ट्रियों को खोलने की अनुमति दी जाए.  हालांकि, कुछ  एसोसिएशन्स ने कहा कि लॉकडाउन 1 हफ्ते और आगे बढ़ा दिया जाए और कुछ एसोसिएशन्स ने कहा कि सरकार जो भी निर्णय लेगी वो उसके साथ हैं.

बृजेश गोयल ने कहा कि कुछ एसोसिएशन्स का कहना है कि ऑड-ईवन के आधार पर बाजारों को खोला जाए तो कुछ एसोसिएशन्स का कहना है कि रिटेल और होलसेल बाजारों के लिए टाइम अलग अलग होना चाहिए. कुछ एसोसिएशन्स का सुझाव था कि हफ्ते में 5 दिन ही दुकानें खुलें और शनिवार, रविवार को पूर्ण बंद रहना चाहिए.

कुछ मार्केट एसोसिएशन्स ने अनुरोध किया है कि रात्रि कर्फ्यू अभी जारी रहना चाहिए. लगभग 60% व्यापारियों का कहना था कि मेट्रो ट्रेन की सेवा पुनः शुरू होनी चाहिए नहीं तो सड़कों पर ट्रैफिक बहुत बढ जाएगा. 80% से ज्यादा व्यापारी संगठन चाहते हैं कि बाजारों में सैनिटाइजेशन होना चाहिए.

सीटीआई के सर्वे में दिल्ली के 28 औद्योगिक क्षेत्रों के फैक्ट्री मालिकों ने भी हिस्सा लिया जिसमें नरेला, बवाना, मंगोल पुरी, मायापुरी, उद्योग नगर, कीर्ति नगर, आनन्द पर्वत, शाहदरा, वजीरपुर, बादली, ओखला, झिलमिल आदि औद्योगिक क्षेत्रों के फैक्ट्री मालिक शामिल थे. सीटीआई के अनुसार वो इन सभी सुझावों की एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेंगे.

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