मणिपुर की लिसी प्रिया कंगुजम (Licypriya Kangujam) ने पीएम मोदी से देश में जलवायु परिवर्तन कानून (Climate Change Law) को लागू करने और संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में इसे पारित कराए जाने की मांग की है. 8 साल की लिसी प्रिया ने 6 दिसंबर को एक ट्वीट करते हुए लिखा था, ''कृप्या हमारे भविष्य को बचा लें. मैं अपनी इंस्पीरेशन ग्रेटा थुनबर्ग के साथ हूं ताकि मैं आप पर और विश्व के अन्य नेताओं पर कुछ दबाव डाल सकूं. आप हमें कम नहीं आंक सकते. कृप्या जलवायु परिवर्तन कानून को संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में पारित कराएं''.
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पिछले काफी वक्त से लिसी प्रिया कंगुजम अपने इस अभियान को लेकर चर्चाओं में है. वह कई जागरुकता अभियानों, रैलियों के आयोजन और प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों की मदद कर चुकी हैं. हाल ही में लिसी ने स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग (Greta Thunberg) के साथ स्पेन के मैड्रिड में आयोजित जलवायू परिवर्तन को लेकर एक कार्यक्रम में शिरकत की थी.
Dear Mr. @narendramodi, Pass the #ClimateChange Law in the ongoing Parliament session. Plz save our future. I am now with my inspiration @GretaThunberg to give more pressure 2 you & the world leaders. You can't underestimate us. #ActNow #ClimateActionNow @Fridays4future @PMOIndia pic.twitter.com/byDrTDolWu
— Licypriya Kangujam (@LicypriyaK) December 6, 2019
आपको बता दें, इस साल जून में लिसी ने संसद परिसर के पास खड़े रहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जलवायु परिवर्तन को लेकर कड़े कदम उठाने की गुहार लगाई थी. तब लिसी ने एएनआई से बात करते हुए कहा था, ''मैं उनसे और सभी सांसदों से आग्रह करती हूं कि वो अब जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करें और हमारे भविष्य को बचाएं. समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और पृथ्वी गर्म होती जा रही है. उन्हें अब इस पर कड़े कदम उठाने चाहिए''.
लिसी ने कई अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता व्यक्त की है. इस दौरान उन्होंने विश्व नेताओं से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर कार्रवाई करने और प्राकृतिक आपदाओं को कम करने का आग्रह भी किया. वह अपने काम के लिए पहचानी गई हैं और उसे विश्व बाल शांति पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया गया है.
लिसी प्रिया कंगुजम ''द चाइल्ड मूवमेंट'' की संस्थापक भी हैं. यह बच्चों द्वारा वैश्विक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाने के लिए एक स्वैच्छिक आंदोलन है.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने भी जलवायु परिवर्तन को लेकर सितंबर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन 2019 (United Nations Climate Action summit 2019) में जलवायु परिवर्तन को लेकर आवाज उठाई थी. उन्होंने यहां अपने संबोधन के दौरान कहा था कि, ''भारत संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे पर एक व्यावहारिक दृष्टिकोण और रोडमैप पेश करने के लिए आया है''. उन्होंने कहा, लालच नहीं बल्कि जरूरत हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत है. भारत आज इस मुद्दे की गंभीरता के बारे में बात करने के लिए नहीं बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण और एक रोडमैप प्रस्तुत करने के लिए है. हम मानते हैं कि इस बारे में पढ़ाने और समझाने से ज्यादा जरूरी इस पर काम करना है''.
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