7वां वेतन आयोग : 196 भत्तों को लेकर केंद्रीय कर्मचारी असमंजस में, पढ़ें - किस अलाउंस का क्या हुआ

7वां वेतन आयोग : 196 भत्तों को लेकर केंद्रीय कर्मचारी असमंजस में, पढ़ें - किस अलाउंस का क्या हुआ

सातवां वेतन आयोग लागू, पर भत्तों को लेकर है असमंजस

खास बातें

  • गुरुवार को डीओपीटी में अलाउंसेस के मुद्दे पर चर्चा निर्धारित
  • कई शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार ने समितियों का गठन किया
  • 196 अलाउंसेस में से केवल 55 को रखा बरकरार, कई मर्ज या फिर समाप्त
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू कर दिया. कुछ एक विभाग के सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर बाकी कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन और एरियर भी मिल गया है. इन सबके बावजूद अभी भी अधिकतर कर्मचारियों को भत्तों या कहें अलाउंसेस के लेकर कई बातें समझ में नहीं आई हैं. मात्र एक बात जो सामने आई वह यह रही कि वेतन आयोग ने 196 भत्तों को घटाकर 55 कर दिया गया है. कई तो यह भी नहीं जानते होंगे कि वह कितने अलाउंस के हकदार है.

बता दें कि 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों से जुड़ी कई विसंगतियों (अनोमली) और शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार ने समितियों का गठन कर दिया था.

सरकार की इन समितियों से कर्मचारी नेताओं की बातचीत शुरू हो चुकी है. जानकारी के अनुसार अलाउंसेस पर अभी तक समिति में एक बार बात हुई है. वहीं, पेंशन के मुद्दे पर दो बार बातचीत हो चुकी है. आज यानि 13 अक्‍टूबर को होने वाली बैठक में डीओपीटी में अलाउंसेस के मुद्दे पर चर्चा निर्धारित की गई है. सूत्र बता रहे हैं कि 13 अक्टूबर को होने वाली बैठक में न्यूनतम वेतनमान का मुद्दा भी उठेगा.

उल्लेखनीय है कि 7वें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) की सिफारिशों को लेकर कर्मचारियों की नाराजगी के बाद उठे सवालों के समाधान के लिए सरकार की ओर से तीन समितियों का गठन किया है. सरकार की ओर से सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में अलाउंस को लेकर हुए विवाद से जुड़ी एक समिति, दूसरी समिति पेंशन को लेकर और तीसरी समिति वेतनमान में कथित विसंगतियों को लेकर बनाई गई है.

सातवें वेतन आयोग द्वारा 196 अलाउंस में से कई को समाप्त कर दिया गया है या उनका उनका मर्जर कर दिया गया है. फिर केवल 55 अलाउंस को बनाए रखने की बात सामने आई थी. सरकारी कर्मचारियों बाकी बातों के अलावा अभी भी इन अलाउंस को लेकर असमंजस की स्थिति है. वे कौन से अलाउंस हैं जिन्हें समाप्त करने की बात कही गई है. और कौन से अलाउंस हैं जिन्हें बढ़ाया गया है. और अगर बढ़ाया गया है तो कितना बढ़ाया है. कौन से अलाउंस को दूसरे अलाउंस में मिला दिया गया है. कौन से विभाग है जिनके पास कुछ अलग अलाउंस का हक है. यह सारे जवाब नीचे दी गई लिस्ट को पढ़कर कुछ हद तक मिल जाएंगे.
 



(टेबल में दी गई जानकारी संकलित की गई है. प्रयासों के बावजूद इसमें अब भी त्रुटि की संभावना है.)

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