दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ (Nizamuddin Markaz) में शामिल हुए तमिलनाडु के 50 लोग कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाए गए हैं. तमिलनाडु के हेल्थ सचिव बीला राजेश ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही राज्य में कोरोनावायरस से पीड़ितों की संख्या 124 पहुंच गई है. मालूम हो कि 57 लोग मरकज में शामिल हुए थे, जिनमें से 50 COVID-19+ पाए गए हैं. मरकज मामले में कुल 7 से 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, जिसमें मरकज़ के मौलाना मोहम्मद साद के अलावा मैनेजमेंट के बाकी लोग हैं. दिल्ली पुलिस ने मौलाना के खिलाफ कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोई जनसभा आयोजित नहीं करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी सरकारी आदेशों के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया है.
बता दें कि दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में बने मरकज़ में हुए धार्मिक कार्यक्रम से अब तक 7 कोरोनावायरस मौतों का रिश्ता जुड़ा है, और 400 से ज़्यादा लोगों को COVID-19 के लक्षणों के बाद टेस्ट किया जा रहा है. मंगलवार सुबह तबलीगी जमात के दिल्ली मुख्यालय, यानी मरकज़ निज़ामुद्दीन को सील कर दिया गया और वहां रह रहे 800 लोगों को बसों में ले जाकर शहर के अलग-अलग हिस्सों में क्वारैन्टाइन कर दिया गया है. निजामुद्दीन मरकज मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लापरवाही के चलते हज़ारों ज़िन्दगियों को खतरे में डालने के लिए सोमवार को मरकज़ प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था.
सैकड़ों लोग रुके थे इमारत में
जानलेवा कोरोनावायरस से बचने के लिए लागू किए गए सोशल डिस्टैन्सिंग के सभी नियमों को ताक पर रखकर 100 साल पुरानी छह-मंज़िला इस इमारत में सैकड़ों लोग रुके हुए थे. 13 से 15 मार्च तक यहीं तबलीगी जमात का दो-दिवसीय कार्यक्रम भी हुआ था. तबलीगी जमात इस्लामिक मिशनरी आंदोलन है, जिसकी स्थापना 1926 में की गई थी, और इसके सदस्य सारी दुनिया में फैले हैं. तेलंगाना में छह लोगों की और श्रीनगर में एक शख्स की मौत हो चुकी है. इनके अलावा यहां से अंडमान एवं निकोबार द्वीप लौटे 10 लोगों में भी कोरोनावायरस की पुष्टि हो चुकी है.
कई विदेश नागरिक भी पहुंचे थे
इस कार्यक्रम में मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यांमार, किर्गिस्तान और सऊदी अरब से तबलीगी सदस्यों ने शिरकत की थी. कार्यक्रम में अफगानिस्तान, अल्जीरिया, जिबूती, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, फीज़ी, फ्रांस और कुवैत से भी सदस्य पहुंचे थे.
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कार्यक्रम में शिरकत करने वाले लोगों में से कई ने देश के अन्य हिस्सों का भी दौरा किया. इंडोनेशियाई सदस्य कार्यक्रम के बाद तेलंगाना जैसे दक्षिणी राज्यों में गए थे. पिछले सप्ताह श्रीनगर में जिस मौलाना की मौत हुई, वह उत्तर प्रदेश में देवबंद गए थे, और उशके बाद कश्मीर पहुंचकर भी उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की.
मरकज से लौटे हर व्यक्ति की जांच की जाए: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली के निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज से राज्य में आए हर व्यक्ति की जांच कराकर जरूरत पड़ने पर पृथक करने की कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राज्य में कहीं पर लोग बिना बताये समूह में रह रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. सरकार ने मरकज से लौटे लोगों से आह्वान किया है कि वे स्वहित और समाज के हित में खुद सामने आकर अपने बारे में सूचना दें.
गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री आज गाजियाबाद के दौरे पर गए थे लेकिन दिल्ली के तब्लीगी मरकज में हुई घटना के मद्देनजर अपना दौरा जल्द खत्म करके लखनऊ आ गये. उसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की. योगी ने कहा कि मरकज में शिरकत करके उत्तर प्रदेश आये हर व्यक्ति की जांच करायी जाए. अगर जरूरत पड़े तो उन्हें पृथक करने की कार्रवाई की जाए. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि मरकज से लौटे लोग जहां कहीं भी हैं, उनकी जांच की जाए और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाए. मरकज से लौटकर जो 157 लोग प्रदेश में आए थे उनमें से 95 प्रतिशत का पता लगाया जा चुका है.
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