मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य के 50 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लेते हुए प्रभावित किसानों से अगले साल 31 मार्च तक राजस्व वसूली स्थगित रखने के आदेश दिए हैं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संत रविदास नगर, सोनभद्र, सुलतानपुर, मिर्जापुर बलिया, सिद्वार्थनगर, शाहजहांपुर, बांदा प्रतापगढ, चन्दौली, इटावा, बस्ती, बागपत, जौनपुर, फैजाबाद, गोण्डा, कन्नौज, बाराबंकी, संतकबीरनगर, झांसी, जालौन, गोरखपुर, हाथरस, एटा, इलाहाबाद, गाजियाबाद, फरूखाबाद, मउ, उन्नाव, रामपुर, हमीरपुर, ललितपुर, चित्रकुट, कानपुर नगर, लखनउ, देवरिया, मैनपुरी, महराजगंज, आगरा, औरेया, पीलीभीत, अमेठी, महोबा, रायबरेली, कुशीनगर, कानपुर देहात, कौशाम्बी, फतेहपुर, अम्बेडकरनगर तथा बलरामपुर जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि सूखाग्रस्त घोषित होने वाले जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा सूखे से निपटने के लिए बनाई गई कार्य योजना के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि मौसम विभाग के वर्षा के आंकड़ों का विस्तृत परीक्षण करने के बाद यह पाया गया कि पूरे प्रदेश में जून से लेकर 30 सितंबर तक 53.50 प्रतिशत वर्षा हुई है। राज्य के 33 जनपदों में 40 से 60 प्रतिशत तथा 16 जनपदों में 40 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई है।
उन्होंने बताया कि सूखे के कारण किसानों को राहत प्रदान किए जाने के लिए मुख्य राज्य देयों की वसूली स्थगित किए जाने एवं कृषि ऋण से संबंधित विधि देयों की वसूली के लिए कृषकों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं किए जाने के आदेश दिए गए हैं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संत रविदास नगर, सोनभद्र, सुलतानपुर, मिर्जापुर बलिया, सिद्वार्थनगर, शाहजहांपुर, बांदा प्रतापगढ, चन्दौली, इटावा, बस्ती, बागपत, जौनपुर, फैजाबाद, गोण्डा, कन्नौज, बाराबंकी, संतकबीरनगर, झांसी, जालौन, गोरखपुर, हाथरस, एटा, इलाहाबाद, गाजियाबाद, फरूखाबाद, मउ, उन्नाव, रामपुर, हमीरपुर, ललितपुर, चित्रकुट, कानपुर नगर, लखनउ, देवरिया, मैनपुरी, महराजगंज, आगरा, औरेया, पीलीभीत, अमेठी, महोबा, रायबरेली, कुशीनगर, कानपुर देहात, कौशाम्बी, फतेहपुर, अम्बेडकरनगर तथा बलरामपुर जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि सूखाग्रस्त घोषित होने वाले जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा सूखे से निपटने के लिए बनाई गई कार्य योजना के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि मौसम विभाग के वर्षा के आंकड़ों का विस्तृत परीक्षण करने के बाद यह पाया गया कि पूरे प्रदेश में जून से लेकर 30 सितंबर तक 53.50 प्रतिशत वर्षा हुई है। राज्य के 33 जनपदों में 40 से 60 प्रतिशत तथा 16 जनपदों में 40 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई है।
उन्होंने बताया कि सूखे के कारण किसानों को राहत प्रदान किए जाने के लिए मुख्य राज्य देयों की वसूली स्थगित किए जाने एवं कृषि ऋण से संबंधित विधि देयों की वसूली के लिए कृषकों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं किए जाने के आदेश दिए गए हैं।
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