दुर्गम इलाके और खराब मौसम में घुसपैठ रोकना सेना के लिए हमेशा से चुनौती रही है. ऐसे ही एक खतरनाक ऑपरेशन को सेना ने केरन सेक्टर में अंजाम दिया. एक अप्रैल को सेना को एलओसी के पास आतंकियों के घुसपैठ के निशान मिले. पाक सेना की मदद से आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की. सेना को जैसे खबर मिली तो आतंकियों के तलाश का ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. उसी दिन सेना का आतंकियों का मुठभेड़ हुआ, लेकिन आतंकी भाग निकले पर पांच बैग मिले.
अतिरिक्त जवान की मदद से इलाके की घेराबंदी की गई. तीन अप्रैल को फिर से निशान मिले. चार अप्रैल को शाम छह बजे भी निशान मिले. मुश्किल हालात और बर्फबारी को देखते हुए चार पैरा कंमाडो और एक जेसीओ को हेलीकॉप्टर से उतारा गया जहां से घुसपैठ की खबर मिली थी. रविवार को सुबह बर्फ पर आतंकियों के पैरों के निशान मिले. उसका पीछा करते हुए ये आगे बढ़े, तभी इनका आमना सामना आतंकियों के साथ हो गया. आमने-सामने की लड़ाई में प्वाइंट ब्लैंक रेंज से पांचों आतंकी मारे गए और साथ में पांचों जवान भी शहीद हो गए.
जो जवान शहीद हुए उनमें हिमाचल प्रदेश के संजीव कुमार (सुबेदार) उत्तराखंड के देवेंद्र सिंह (हवलदार), हिमाचल प्रदेश के बाल कृष्ण (सिपाही), उत्तराखंड के अमित कुमार (सिपाही) और राजस्थान के छत्रपाल सिंह (सिपाही) शामिल हैं.
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