निर्माणाधीन फ्लाईओवर करीब 12.25 बजे गिरा।
कोलकाता:
कोलकाता में गुरुवार को एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरने की घटना में कम से कम 18 लोगों के मारे जाने की आशंका है। हादसे के चलते राहगीर, फ्लाईओवर के नीचे खड़े कार-ऑटोरिक्शा भी मलबे में दब गए। बचाव कर्मियों ने बताया कि फ्लाईओवर के नीचे एक किओस्क (बूथ) में तैनात पांच पुलिसकर्मी भी बुरी तरह से फंस गए। हालांकि राहत की बात यह है कि ये पुलिसकर्मी जिंदा है और इन्हें कंक्रीट के मलबे के बीच के हिस्से से पानी दिया गया है। एक अन्य पुलिसकर्मी ने बताया कि हादसे में वह बाल-बाल बचा। यह पुलिसकर्मी फ्लाईओवर के ढांचे के नीचे ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहा था। घायलों को अस्पताल पहुंचाते हुए बचाव दल के सदस्य और लोग।
राहगीर और वाहन भी चपेट में आए
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए)के प्रवक्ता अनुराग गुप्ता ने कहा, यह साफ नहीं है कि मलबे में अभी भी कितने लोग फंसे हुए हैं लेकिन उन्होंने कहा राहगीरों के साथ-साथ वाहन भी फ्लाईओवर के गिरने से इसकी चपेट में आ गए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारा मुख्य फोकस मलबे में फंसे लोगों को बचाने पर है।' बचाव टीम मलबे में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए हीट सेंसर्स का इस्तेमाल कर रही है। कंक्रीट कटर्स, ड्रिलिंग मशीन और स्निफर डॉग्स को भी हादसे के स्थान पर भेजा गया है।
धूल का गुबार हर तरफ छा गया
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'करीब 12:25 बजे हमने अचानक तेज आवाज सुनी मानो बम विस्फोट हुआ हो। इसके बाद अचानक धूल का गुबार हर तरफ छा गया। मैंने सड़क के दूसरी ओर लोगों को यह चिल्लाते हुए देखा कि ब्रिज गिर रहा है।' एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, 'अचानक ब्रिज गिरने लगा। हमने देखा कि यह पांच से छह सेकंड में नीचे आ गया। हमें लगा कि शायद भूकंप आ गया है।' जब तक मदद पहुंचती, पुलिस और आसपास से गुजर रहे लोगों ने अपने हाथों से कंक्रीट और मैटल के बड़े-बड़े स्लैब हटाकर फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश की।
टीवी फुटेज में दिखाया गया कि खून से लथपथ एक व्यक्ति कंक्रीट स्लैब में फंसा हुआ है। मलबे से एक व्यक्ति का हाथ बाहर निकला हुआ भी देखा गया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कोलकाता में हुए इस हादसे पर दुख जताते हुए इसमें जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
राहगीर और वाहन भी चपेट में आए
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए)के प्रवक्ता अनुराग गुप्ता ने कहा, यह साफ नहीं है कि मलबे में अभी भी कितने लोग फंसे हुए हैं लेकिन उन्होंने कहा राहगीरों के साथ-साथ वाहन भी फ्लाईओवर के गिरने से इसकी चपेट में आ गए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'हमारा मुख्य फोकस मलबे में फंसे लोगों को बचाने पर है।' बचाव टीम मलबे में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए हीट सेंसर्स का इस्तेमाल कर रही है। कंक्रीट कटर्स, ड्रिलिंग मशीन और स्निफर डॉग्स को भी हादसे के स्थान पर भेजा गया है।
धूल का गुबार हर तरफ छा गया
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'करीब 12:25 बजे हमने अचानक तेज आवाज सुनी मानो बम विस्फोट हुआ हो। इसके बाद अचानक धूल का गुबार हर तरफ छा गया। मैंने सड़क के दूसरी ओर लोगों को यह चिल्लाते हुए देखा कि ब्रिज गिर रहा है।' एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, 'अचानक ब्रिज गिरने लगा। हमने देखा कि यह पांच से छह सेकंड में नीचे आ गया। हमें लगा कि शायद भूकंप आ गया है।' जब तक मदद पहुंचती, पुलिस और आसपास से गुजर रहे लोगों ने अपने हाथों से कंक्रीट और मैटल के बड़े-बड़े स्लैब हटाकर फंसे हुए लोगों को निकालने की कोशिश की।
टीवी फुटेज में दिखाया गया कि खून से लथपथ एक व्यक्ति कंक्रीट स्लैब में फंसा हुआ है। मलबे से एक व्यक्ति का हाथ बाहर निकला हुआ भी देखा गया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कोलकाता में हुए इस हादसे पर दुख जताते हुए इसमें जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
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