यूपी देश का पहला राज्य है जिसके पास दो एक्सप्रेस-वे आधारित हवाई पट्टियां हैं.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार दोपहर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस का उद्घाटन किया है. उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की आधारशिला पीएम नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2018 में रखी थी. पीएम मोदी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने के लिए भारतीय वायुसेना के सी-130 जे हरक्यूलिस विमान से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हवाई पट्टी पर उतरे. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई पट्टी पर प्रधानमंत्री की अगवानी की. 22,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ेगा.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की 10 बड़ी खासियतें...
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ जिले में लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) पर ग्राम चंद सराय से शुरू होगा. वहीं, यह गाजीपुर जिले में, यूपी-बिहार सीमा के 18 किमी से पहले, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -19 पर गांव हैदरिया के पास खत्म हो जाएगा.
- इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 340.824 किलोमीटर है. यह 6 लेन का एक्सप्रेस-वे बनाया गया है, जिसे भविष्य में 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है. यह एक्सप्रेसवे रिकॉर्ड समय मात्र 40 महीने में बनकर तैयार हुआ.
- इस प्रोजेक्ट पर कुल 22,494.66 करोड़ रुपए का खर्च आया है. सरकार का कहना है कि यह अनुमानित लागत से 5 फीसदी कम खर्च में तैयार हुआ है. पूरे प्रोजेक्ट को 8 पैकेजों में बांटा गया था.
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों से होते हुए गुजरेगा.
- इससे पूर्वांचल ना सिर्फ प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बल्कि देश की राजधानी दिल्ली से भी जुड़ गया है. जिससे पूर्वी छोर से आवागमन आसान होगा.
- इससे लखनऊ से गाजीपुर तक का सफर मात्र 3.5 घंटे में किया जा सकता है. वहीं, यूपी के पूर्वी छोर से दिल्ली तक का सफर मात्र 10 घंटे में पूरा किया जा सकता है.
- स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड का निर्माण किया गया है. इसमें 7 बड़े पुल, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 114 छोटे पुल और 271 अंडर पास हैं.
- यूपी देश का पहला राज्य है जिसके पास दो एक्सप्रेस-वे आधारित हवाई पट्टियां हैं. एक हवाई पट्टी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर और दूसरी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमानों को आपात स्थिति में उतारने की सुविधा के लिए एक्सप्रेस-वे पर 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण किया गया है. एक्सप्रेसवे हवाई पट्टियों को लड़ाकू जेट विमानों को आपात स्थिति में उतरने और उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
- सरकार का कहना है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बनने से किसानों और स्थानीय उद्यमियों को अपनी उपज या उत्पादों को बड़ी मार्केट में ले जाने में सुगमता होगी. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. पूर्वांजल में लॉजिस्टिक, इंडस्ट्रियल टूरिज्म सेक्टर को रफ्तार मिलेगी.
- एक्सप्रेसवे के दोनों ओर इंवेस्टमेंट पार्क और कारखाने स्थापित किए जाएंगे.