नई दिल्ली:
आपदाग्रस्त उत्तराखंड में एक अनुमान के मुताबिक अभी करीब 30 हजार लोग फंसे पड़े हैं। राहतकर्मियों ने फंसे हुए लोगों को निकालने का काम शनिवार को तेज कर दिया, क्योंकि मौसम कार्यालय ने 24 जून से फिर से बारिश का अनुमान व्यक्त किया है।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि फंसे हुए लोगों को निकालने का काम तेज कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि अनुमानत: करीब 30 हजार लोग फंसे हुए हैं और 60 हजार से ज्यादा लोगों को निकाला जा चुका है।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता दीपक के. पांडेय ने कहा कि केदारनाथ और बद्रीनाथ क्षेत्र में अभी भी 9500 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अनुमानत: करीब आठ हजार लोग बद्रीनाथ क्षेत्र में फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को निकालने के लिए बद्रीनाथ से करीब 10 किलोमीटर दूर लाम्बागार में एक नया रोपवे स्थापित किया गया है।
पांडेय ने कहा कि फंसे हुए लोगों को गोविंदघाट लाया जा रहा है और वहां से उन्हें बस या अन्य वाहनों से जोशीमठ पहुंचाया जा रहा है। जोशीमठ से देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश भेजने से पहले लोगों के नाम दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को हेलीकॉप्टर से, जबकि युवा और स्वस्थ लोगों को रोपवे से भेजा जा रहा है।
पांडेय ने कहा, "कल से (शुक्रवार से) करीब 400 लोगों को रोपवे के जरिए निकाला गया है।" उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 24 जून से बारिश की संभावना को देखते हुए बचाव कार्य को तेज कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि फंसे हुए लोगों को निकालने का काम तेज कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि अनुमानत: करीब 30 हजार लोग फंसे हुए हैं और 60 हजार से ज्यादा लोगों को निकाला जा चुका है।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता दीपक के. पांडेय ने कहा कि केदारनाथ और बद्रीनाथ क्षेत्र में अभी भी 9500 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अनुमानत: करीब आठ हजार लोग बद्रीनाथ क्षेत्र में फंसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को निकालने के लिए बद्रीनाथ से करीब 10 किलोमीटर दूर लाम्बागार में एक नया रोपवे स्थापित किया गया है।
पांडेय ने कहा कि फंसे हुए लोगों को गोविंदघाट लाया जा रहा है और वहां से उन्हें बस या अन्य वाहनों से जोशीमठ पहुंचाया जा रहा है। जोशीमठ से देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश भेजने से पहले लोगों के नाम दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को हेलीकॉप्टर से, जबकि युवा और स्वस्थ लोगों को रोपवे से भेजा जा रहा है।
पांडेय ने कहा, "कल से (शुक्रवार से) करीब 400 लोगों को रोपवे के जरिए निकाला गया है।" उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 24 जून से बारिश की संभावना को देखते हुए बचाव कार्य को तेज कर दिया गया है।
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