समंदर में स्वदेशी युद्धपोत कोच्ची।
मुंबई:
कोलकाता श्रेणी का दूसरा स्टील्थ युद्धपोत कोच्ची नौसेना बेड़े में शामिल होने को तैयार है। 30 सितंबर को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर इसे नौसेना बेड़े मे शामिल करेंगे।
दुश्मन को देगा चकमा
युद्धपोत कोच्ची, स्टील्थ यानी दुश्मन के रडार को चकमा देने वाली तकनीक से लैस है। पोत के लेफ्टिनेंट कमांडर सिद्धार्थ चौधरी के मुताबिक इस युद्धपोत की बनावट विशेष किस्म की है। इसमें सेंसर और एंटिना कुछ इस तरह से लगाए गए हैं कि दुश्मन के रडार इसे पकड़ न पाएं। कोच्ची कोलकाता श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है।
विश्व की आधुनिकतम तकनीक
युद्धपोतों में सामान्य रूप से घूमने वाला रडार होता है, लेकिन कोलकाता श्रेणी की खासियत है कि इनमें एमएफ स्टार रडार लगा है, जो सिर्फ हिंदुस्तान की ही नहीं विश्व की आधुनिकतम तकनीक में से एक है। इसकी खासियत यह है कि इससे 30 नॉटिकल माइल दूर से ही दुश्मन की पनडुब्बी या युद्धपोत जैसे खतरे का पता लगाकर उसे तबाह किया जा सकता है।
16 सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल तैनात
इस युद्धपोत पर आवाज की गति से भी तेज मार करने वाली 16 सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल तैनात हैं। इनकी मारक क्षमता 250 से 300 किलोमीटर दूर तक है। जमीन से हवा में मार करने वाले रॉकेट लांचर, पानी से पानी में मार करने वाले ट्विन ट्यूब टॉरपिडो और एंटी सबमरीन रॉकेट भी इसमें हैं।
लेफ्टिनेंट कमांडर सिद्धार्थ चौधरी के मुताबिक यह युद्धपोत एक साथ जल, थल और नभ, तीनों ओर से आए खतरे का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।
40 अफसर और 350 नौसैनिक रहेंगे तैनात
मुंबई के मझगांव डॉक पर बने 164 मीटर लंबे और 17 मीटर चौड़े इस युद्धपोत पर सीकिंग और चेतक जैसे दो हेलिकॉप्टर उतर सकते हैं और इससे उड़ान भी भर सकते हैं। एक बार में तीन महीने तक समंदर में रहने की क्षमता वाले इस युद्धपोत पर 40 अफसर और 350 नौसैनिक 24 घंटे तैनात रहेंगे।
मेक इन इंडिया
कोलकाता श्रेणी का यह दूसरा युद्धपोत है। इसके पहले आईएनएस कोलकाता पिछले साल नौसेना बेड़े में शामिल हो चुका है, और तीसरे युद्धपोत चेन्नई का निर्माण हो रहा है। पूरी तरह से स्वदेश में बने इस युद्धपोत को मेक इन इंडिया का अनूठा नमूना कह सकते हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि आधुनिक संचार व्यवस्था और अत्याधुनिक हथियारों से लैस इस युद्धपोत के जंगी जहाजों के बेड़े में शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
दुश्मन को देगा चकमा
युद्धपोत कोच्ची, स्टील्थ यानी दुश्मन के रडार को चकमा देने वाली तकनीक से लैस है। पोत के लेफ्टिनेंट कमांडर सिद्धार्थ चौधरी के मुताबिक इस युद्धपोत की बनावट विशेष किस्म की है। इसमें सेंसर और एंटिना कुछ इस तरह से लगाए गए हैं कि दुश्मन के रडार इसे पकड़ न पाएं। कोच्ची कोलकाता श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है।
विश्व की आधुनिकतम तकनीक
युद्धपोतों में सामान्य रूप से घूमने वाला रडार होता है, लेकिन कोलकाता श्रेणी की खासियत है कि इनमें एमएफ स्टार रडार लगा है, जो सिर्फ हिंदुस्तान की ही नहीं विश्व की आधुनिकतम तकनीक में से एक है। इसकी खासियत यह है कि इससे 30 नॉटिकल माइल दूर से ही दुश्मन की पनडुब्बी या युद्धपोत जैसे खतरे का पता लगाकर उसे तबाह किया जा सकता है।
16 सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल तैनात
इस युद्धपोत पर आवाज की गति से भी तेज मार करने वाली 16 सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल तैनात हैं। इनकी मारक क्षमता 250 से 300 किलोमीटर दूर तक है। जमीन से हवा में मार करने वाले रॉकेट लांचर, पानी से पानी में मार करने वाले ट्विन ट्यूब टॉरपिडो और एंटी सबमरीन रॉकेट भी इसमें हैं।
भारत में निर्मित युद्धपोत पर मिसाइल और राकेट तैनात हैं।
लेफ्टिनेंट कमांडर सिद्धार्थ चौधरी के मुताबिक यह युद्धपोत एक साथ जल, थल और नभ, तीनों ओर से आए खतरे का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।
40 अफसर और 350 नौसैनिक रहेंगे तैनात
मुंबई के मझगांव डॉक पर बने 164 मीटर लंबे और 17 मीटर चौड़े इस युद्धपोत पर सीकिंग और चेतक जैसे दो हेलिकॉप्टर उतर सकते हैं और इससे उड़ान भी भर सकते हैं। एक बार में तीन महीने तक समंदर में रहने की क्षमता वाले इस युद्धपोत पर 40 अफसर और 350 नौसैनिक 24 घंटे तैनात रहेंगे।
कोच्ची को दुश्मन के राडार नहीं ढूंढ सकते।
मेक इन इंडिया
कोलकाता श्रेणी का यह दूसरा युद्धपोत है। इसके पहले आईएनएस कोलकाता पिछले साल नौसेना बेड़े में शामिल हो चुका है, और तीसरे युद्धपोत चेन्नई का निर्माण हो रहा है। पूरी तरह से स्वदेश में बने इस युद्धपोत को मेक इन इंडिया का अनूठा नमूना कह सकते हैं।
पोत पर नौसेना के करीब साढ़े तीन सौ जवान हमेशा तैनात रहेंगे।
इसमें कोई शक नहीं कि आधुनिक संचार व्यवस्था और अत्याधुनिक हथियारों से लैस इस युद्धपोत के जंगी जहाजों के बेड़े में शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
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