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This Article is From Feb 10, 2012

2003 मुम्बई विस्फोट : 3 दोषियों की फांसी बरकरार

मुम्बई: बम्बई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वर्ष 2003 में मुम्बई के दो बम विस्फोटों के दोषियों एक महिला सहित तीन लोगों की फांसी की सजा बरकरार रखी।

आतंकवाद निरोधी अधिनियम (पोटी) की एक विशेष अदालत ने वर्ष 2009 में अशरत अंसारी, हनीफ सईद और उसकी पत्नी फहमिदा सईद को फांसी की सजा सुनाई थी।

अदालत ने तीनों को दो टैक्सियों में बम लगाने का दोषी पाया था। 25 अगस्त 2003 को इन टैक्सियों में हुए विस्फोट से 52 लोग मारे गए। इनमें से एक टैक्सी में विस्फोट गेटवे ऑफ इंडिया के समीप और दूसरी टैक्सी में विस्फोट दक्षिण मुम्बई के झावेरी बाजार में हुआ।

न्यायाधीश एएम खानविलकर एवं न्यायाधीश पीडी कोडे ने पोटा अदालत के फैसले को सही ठहराया। इसके अलावा न्यायालय ने 28 जुलाई 2003 को मध्य मुम्बई के घाटकोपर में एक बस में हुए विस्फोट के लिए भी इन तीनों को दोषी करार दिया। इस विस्फोट में दो लोगों की जान गई थी।

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मुम्बई, विस्फोट, फांसी, Mumbai Attack