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राडिया ने 21 दिसंबर, 2010 को सीबीआई द्वारा दर्ज अपने बयान में एजेंसी से कहा था कि स्वान टेलीकॉम आवेदक के तौर पर यूएएस लाइसेंस हासिल करने के लिहाज से योग्य नहीं थी।
सीबीआई ने पूर्व संचार मंत्री ए राजा और अन्य के खिलाफ 2 अप्रैल, 2011 को दाखिल अपने आरोपपत्र में राडिया को मामले में अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया था।
राडिया के बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने सीआरपीसी की धारा 161 के तहत जांच के दौरान सीबीआई के समक्ष दर्ज किये गये अपने बयान में कहा था कि 2जी मामले में मुकदमे का सामना कर रही स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड ‘यूनीफाइड एक्सेस सर्विस’ (यूएएस) लाइसेंस हासिल करने के काबिल नहीं थी।
राडिया ने 21 दिसंबर, 2010 को सीबीआई द्वारा दर्ज अपने बयान में एजेंसी से कहा था कि स्वान टेलीकॉम आवेदक के तौर पर यूएएस लाइसेंस हासिल करने के लिहाज से योग्य नहीं थी।
उन्होंने कहा, जहां तक मेरी जानकारी है, यह कंपनी पूरी तरह मैसर्स रिलायंस कम्युनिकेशन्स द्वारा नियंत्रित थी। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि मामले में आरोपी रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड ने अयोग्य कंपनी स्वान टेलीकॉम को लाइसेंस हासिल करने के लिए मुखौटा कंपनी के तौर पर इस्तेमाल किया।
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