केंद्र सरकार ने भले ही तीनों कृषि कानूनों (farm laws) की वापसी का ऐलान कर दिया हो और सोमवार को संसद में इसको लेकर बिल भी पेश किया जाएगा, लेकिन किसान नेताओं का रुख नरम नहीं हुआ है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait ) ने मुंबई में कुछ ऐसे ही रुख का इजहार किया है. एएनआई के मुताबिक, टिकैत ने कहा, सरकार धोखा कर रही है, सावधान रहने की जरूरत है. अभी सरकार बात करने की लाइन में नहीं आई है. ये सरकार षड्यंत्रकारी, बेईमान और धोखेबाज है. किसान समाज और मजदूरों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है.
#WATCH | In Mumbai, BKU leader Rakesh Tikait says, "Govt of India should mend its ways and bring a law on MSP. Otherwise, January 26 (Republic Day) is not far, and 4 lakh tractors & farmers all are there." pic.twitter.com/sBMoJ9N1rI
— ANI (@ANI) November 28, 2021
मुंबई में किसान मजदूर महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने ये बातें कहीं. टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को अपना रुख बदल लेना चाहिए और एमएसपी पर गारंटी का कानून तुरंत लाया जाए. अन्यथा 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) दूर नहीं है और चार लाख ट्रैक्टर और किसान भी वहीं हैं.
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एएनआई के एक वीडियो में टिकैत कहते दिख रहे हैं, अगर हम सिर्फ एक समूह हैं. वो हमें बात नहीं समझा पाई तो सरकार चाहे तो हमें आतंकवादी घोषित करके जेल में डाल दे. भारत सरकार अपना दिमाग ठीक कर लें. जो गुंडागर्दी वो करना चाहते हैं वो नहीं चलेगी. किसान ने एक साल बहुत झेल लिया. दिमाग ठीक करके एमएसपी पर कानून बना दें. वरना 26 जनवरी दूर नहीं है. चार लाख ट्रैक्टर भी वहीं हैं. किसान भी वहीं हैं. सरकार बात कर ले.
गौरतलब है कि पिछले साल 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च किया था. इस दौरान कई जगहों पर ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर उपद्रव देखने को मिला. जबकि एक समूह लाल किले तक पहुंच गया था और वहां उसने धार्मिक प्रतीक वाला झंडा फहराया था. ट्रैक्टर परेड के दौरान ट्रैक्टर ट्राली पलटने से एक किसान की मौत भी हो गई थी.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कृषि कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग तो मान ली है, लेकिन किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहा संयुक्त किसान मोर्चा एमएसपी गारंटी पर कानून, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने जैसी कई मांगों पर अड़ा है. कृषि कानूनों की वापसी का विधेयक सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन पेश किया जाएगा.
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