पंजाब के तीन जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 38 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि जहरीली शराब पीने से बुधवार की रात से तरन तारन जिले में 19, अमृतसर में 10 और बटाला में नौ लोगों की मौत हो गयी. अमृतसर के एसएसपी (ग्रामीण) विक्रमजीत सिंह दुग्गल ने बताया कि तारसिक्का थाना के प्रभारी विक्रमजीत सिंह को निलंबित कर दिया गया है. घटना पर विपक्षी आप ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है. शिरोमणि अकाली दल ने भी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग की है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर लिखा, "मैंने अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन में जहरीली शराब की मौतों की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. कमिश्नर, जालंधर डिवीजन जांच करेंगे और संबंधित एसएसपी और अन्य अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे. जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा."
I have ordered a magisterial enquiry into suspected spurious liquor deaths in Amritsar, Gurdaspur and Tarn Taran. Commissioner, Jalandhar Division will conduct the enquiry and coordinate with concerned SSPs and other officers. Anyone found guilty will not be spared.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) July 31, 2020
शुक्रवार को अभियान चलाते हुए पंजाब पुलिस ने अमृतसर, बटाला और तरन तारन में 40 जगहों पर छापेमारी की और शराब की तस्करी करने वाले आठ लोगों को पकड़ा. डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि अमृतसर के तारसिक्का के मुच्छल गांव में गुरुवार रात एक महिला को पकड़ा गया.
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डीजीपी ने कहा कि नकली शराब का नेटवर्क कई इलाकों तक फैला हुआ था इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद मामले में और गिरफ्तारी की संभावना है. गुप्ता ने कहा कि आरोपियों के पास से भारी मात्रा में नकली शराब, ड्रम और भंडारित कैन बरामद किए गए और इन्हें जांच के लिए भेजा गया है.
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इससे पहले दिन में एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले में जालंधर के संभागीय आयुक्त द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं. बयान में कहा गया कि जांच में गौर किया जाएगा कि किस परिस्थिति में और किन वजहों से ये मौतें हुई. संभागीय आयुक्त जालंधर के साथ ही पंजाब के संयुक्त आबकारी और कर आयुक्त तथा संबंधित जिलों के एसपी द्वारा जांच की जाएगी. मुख्यमंत्री ने संभागीय आयुक्त को त्वरित जांच के लिए प्रशासन या पुलिस के किसी भी अधिकारी या अन्य विशेषज्ञ का भी सहयोग लेने की छूट दी है.
शिरोमणि अकाली दल ने संभागीय आयुक्त स्तर की जांच को खारिज कर दिया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की. आम आदमी पार्टी ने कहा कि मजिस्ट्रेटी जांच से काम नहीं चलेगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करती है. बहरहाल, शराब पीने से मृत भूपिंदर सिंह की मां शीला देवी ने बटाला में संवाददाताओं से कहा कि उनके बेटे ने हाथी गेट इलाके में एक दुकान से शराब खरीदी थी. शराब पीने के कुछ ही घंटे बाद वह अचेत हो गया. बटाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी संजीव भल्ला ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा.
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