यह ख़बर 20 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भारी हथियारों से लैस 200 आतंकी नियंत्रण रेखा पार करने के इंतजार में : सेना

श्रीनगर:

हाल में आई बाढ़ के बाद कश्मीर घाटी में आतंकियों की घुसपैठ के कई प्रयास सुरक्षा बलों द्वारा विफल किए जाने के बावजूद भारी हथियारों से लैस लगभग 200 आतंकी भारत में घुसपैठ के लिए नियंत्रण रेखा के पार इंतजार कर रहे हैं।

श्रीनगर के 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने बताया कि नियंत्रण रेखा के पार भारी हथियारों से लैस लगभग 200 आतंकी कश्मीर घाटी में दाखिल होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पार के घुसपैठियों ने कश्मीर घाटी में हाल ही में आई बाढ़ का फायदा उठाने की कोशिश की लेकिन सेना ने उनके प्रयासों को विफल कर दिया।

उन्होंने कहा कि पूरी घाटी में लगभग 200 आतंकी अभी भी सक्रिय हैं और सेना का सुरक्षा तंत्र उन्हें निष्क्रिय करने के लिए मुस्तैद है। उन्होंने कहा, हालांकि हाल की बाढ़ में 50 प्रतिशत से ज्यादा छावनी क्षेत्र के डूब जाने के कारण हमें भी भारी नुकसान हुआ है, लेकिन हमने कभी भी सुरक्षा तंत्र को कमजोर नहीं होने दिया।

साहा ने कहा कि यह मजबूत आतंकवाद-निरोधी और उग्रवाद निरोधी तंत्र की मुस्तैदी का ही नतीजा है कि खतरनाक विदेशी आतंकी उमर भट हाल ही में कुपवाड़ा जिले के राजवर वन्य क्षेत्र में मारा गया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों में सीमा पार से घुसपैठ के कई प्रयास किए गए, लेकिन सेना ने इन प्रयासों को विफल कर दिया और पांच घुसपैठियों को मार गिराया गया।

लेफ्टिनेंट जनरल साहा ने कहा, पिछले 10 दिनों में केरन सेक्टर में तीन और माछिल सेक्टर में दो घुसपैठिए मारे गए। जम्मू-कश्मीर में अब तक की सबसे भीषण बाढ़ आई है, जिसने कई इलाकों को तहस-नहस कर दिया है। इस बाढ़ में 280 लोगों की मौत हुई है।

साहा ने असामाजिक तत्वों के उन आरोपों को आधारहीन बताया, जिनके अनुसार, बाढ़ से प्रभावित श्रीनगर शहर में सेना द्वारा चलाए गए बचाव अभियानों के दौरान अतिविशिष्ट व्यक्तियों और बाहरी व्यक्तियों को प्राथमिकता दी गई। ऐसे आरोपों को खारिज करते हुए साहा ने कहा, ऐसा कोई तरीका नहीं था, जिससे हम बाहरी और स्थानीय व्यक्ति में फर्क कर सकते। हमारी प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाने की थी।


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