विज्ञापन
This Article is From Mar 05, 2017

रोहतक का विवादित वायरल वीडियो याद है....दो साल बाद तीनों आरोपी बरी

कोर्ट ने सबूत नहीं होने की वजह से तीनों आरोपियों को रिहा कर दिया गया

रोहतक: बात दिंसबर 2014 की है जब सोनीपत की दो लड़कियों का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह हरियाणा रोडवेज़ की बस में तीन आदमियों की बेल्ट से पिटाई कर रही हैं. तीनों लड़कों पर छेड़खानी का आरोप लगाया गया था और वीडियो के वायरल होते ही लड़कियों की बहादुरी के चर्चे देश भर में होने लगे. करीब 27 महीने बाद रोहतक की कोर्ट ने शुक्रवार को इन तीनों लड़कों को मामले में छोड़ दिया क्योंकि पुलिस की जांच रिपोर्ट में ऐसे कोई सबूत सामने नहीं आ सके जिससे इन तीनों के खिलाफ मामले की सुनवाई की जा सके.

हरियाणा पुलिस ने छह महीने में ही अपनी रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में पेश कर दी थी. पुलिस को ऐसा कोई गवाह नहीं मिला जो आरती और पूजा कुमार द्वारा लगाए गए छेड़खानी के आरोप को सही साबित कर सके. बस के यात्री भी तीनों लड़कों के समर्थन में ही आगे आए. पुलिस के मुताबिक पोलिग्राफी टेस्ट में भी आरोपियों के झूठ बोलने की बात सामने नहीं आई.

रोहतक कोर्ट से 15 किमो दूर असन गांव में एक चरपाई पर बैठे कुलदीप, दीपक और मोहित राहत की सांस लेते दिख रहे हैं. वैसे तो उन्होंने एक ही रात जेल में बिताई है लेकिन वह बताते हैं कि किस तरह यह केस इनके लिए मंहगा साबित हुआ. दीपक बताते हैं 'मैं और कुलदीप दोनों ही सेना में शामिल होना चाहते थे. हमने मेडिकल और फिज़िकल टेस्ट पास कर लिया था. लेकिन इस केस के बाद हमें लिखित परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया.'

सेना या पैरामिलेट्री फोर्स में भर्ती होने के लिए अधिकतम उम्र 23 है. दीपक के लिए अभी देरी हो चुकी है क्योंकि अब वह 24 साल के हैं. कोर्ट के फैसले की वजह से वह एक साल लेट हो गए. कुलदीप के पिता बलबीर, रिटायर्ड जवान हैं. वह कहते हैं कि उन्हें बुरा लग रहा है कि उनका बेटा उनके नक्शे-कदम पर नहीं चल पाएगा. बलबीर ने कहा 'मैंने पुलिस को एक चिट्ठी लिखी है कि मेरे बेटे की पिटाई हुई है, तो इन बहनों को क्यों हीरो बताया जा रहा है? मैंने उनसे यह भी कहा कि वह मेरे बेटे के स्कूल और कॉलेज में जाकर उसकी पूछताछ कर लें.'

कुलदीप ने बताया कि यह घटना उस वक्त की है जब वह एक परीक्षा देकर एक सरकारी बस से घर लौट रहे थे. कुलदीप बताते हैं 'एक बुजुर्ग औरत ने टिकट खरीदा था और उन्हें उस सीट पर बैठना था. हमारी इस बात को लेकर उन दोनों के साथ कहा सुनी हो गई और वह हमें गालियां देने लगीं. उन्होंने हमें बेल्ट से मारना शुरू कर दिया. हम संतुष्ट हैं कि कोर्ट ने आखिर मान लिया कि हम बेकसूर हैं.'

हालांकि मामला अभी रफा दफा नहीं हुआ है. 24 साल की आरती और 21 साल की पूजा कुमार फिलहाल गुड़गांव में पढ़ रही हैं और उनका इरादा हाइकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने का है. आरती कहती हैं 'अदालत के आदेश से हम हैरान हैं और दुखी हैं. लेकिन हमें तो जांच से शुरू से ही दिक्कत थी. पुलिस वाले हमसे पूछते थे कि हमारे कितने बॉयफ्रेंड हैं, हमारे चरित्र पर सवाल उठाते थे. इन सबका इस केस से क्या लेना देना.'

वह मीडिया को भी इस हाल के लिए कसूरवार ठहराती हैं और कहती हैं कि उन्हें बिन मांगी पब्लिसिटी दी गई है. पहले उन्हें हीरो बताया गया और फिर जब उनकी पिटाई करते हुए और वीडियो सामने आए तो उन्हें बदमाश करार करार दिया गया. आरती के मुताबिक 'हम हमेशा गलत के खिलाफ खड़े हुए हैं तो इसमें दिक्कत क्या है?'

लड़कियों के वकील अट्टर सिंह पवार भी हाइकोर्ट जाने की तैयारी में जुटे हैं. वह कहते हैं 'बहने अपने बयान पर टिकी हुई है, यहां तक की कंडक्टर ने भी बयान दिया था कि लड़कों ने बदसलूकी की थी.' उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तीनों आरोपियों को छोड़ दिया गया है क्योंकि पुलिस सबूत नहीं जुटा पाई. कोर्ट ने उन्हें रिहा या बेकसूर नहीं बताया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
रोहतक की बहनें, Rohtak Sisters, रोहतक का वायरल वीडियो, Rohtak Viral Video, हरियाणा रोडवेज़, Haryana Roadways, रोहतक की आरती और पूजा, Aarti And Pooja
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com