हैदराबाद में दिशा गैंगरेप व हत्याकांड के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इस तरह के मामलों में दोषियों को जल्द सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए दिशा एक्ट पारित किया था. इसमें 21 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा कर फांसी की सजा देने का भी प्रावधान रखा गया है. आंध्र विधानसभा ने 13 दिसंबर को इस कानून को पास किया. इसे 'आंध्र प्रदेश दिशा एक्ट' नाम दिया गया. अब इसकी निगरानी को लेकर दो महिला अधिकारियों को नियुक्त किया गया है.
IAS डॉक्टर कृतिका शुक्ला और IPS एम. दीपिका को इस कानून से जुड़े मामलों के लिए स्पेशल अफसर अपॉइन्ट किया गया है. डॉक्टर कृतिका शुक्ला इस समय महिला एवं बाल विकास में बतौर निदेशक तैनात हैं. उन्हें 'दिशा' स्पेशल अफसर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. एम. दीपिका कुरनूल में एएसपी के पद पर तैनात थीं. उन्हें वहां से ट्रांसफर कर बतौर 'दिशा' स्पेशल अफसर नई तैनाती मिली है.
IAS डॉक्टर कृतिका शुक्ला
'आंध्र प्रदेश दिशा एक्ट' के तहत महिला अपराध से जुड़े मामलों का तेजी से ट्रायल सुनिश्चित किया जाएगा. आंध्र प्रदेश सरकार सभी 13 जिलों में स्पेशल कोर्ट का गठन करेगी. इन विशेष अदालतों में महिलाओं व बच्चियों से जुड़े अपराध, रेप के मामले, सोशल मीडिया पर उत्पीड़न और एसिड अटैक से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी.
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इस कानून के अनुसार, 14 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा कर लिया जाएगा और 21 दिन में अदालत फैसला सुनाएगी. दोषी के लिए अपील करने का समय भी कम कर दिया गया है. इसे 6 महीने से घटाकर 45 दिन कर दिया गया है. इस कानून के तहत रेप जैसे जघन्य मामलों में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने पर 21 दिनों के भीतर फांसी की सजा को इसमें जोड़ा गया है. अभी तक इस तरह के मामलों में देरी होती थी और एक तय समय तक कैद की सजा, उम्रकैद या फांसी की सजा का प्रावधान था.
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