नई दिल्ली:
कांग्रेस के नेता जगदीश टाइटलर को दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने जोरदार झटका दिया, और वर्ष 1984 में हुए सिख-विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में उन्हें क्लीन चिट देने वाली सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए उनके खिलाफ दोबारा जांच शुरू करने का निर्देश दिया।
यह मामला दंगों के दौरान तीन लोगों की हत्या से जुड़ा हुआ है, जिसमें सीबीआई कांग्रेस नेता को क्लीन चिट दे चुकी थी, और उसे एक दंगा पीड़ित लखविंदर कौर ने अदालत में चुनौती दी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने सीबीआई और पीड़ित की अंतिम दलीलें सुनने के बाद पिछले दिनों अपना फैसला 10 अप्रैल यानी आज के लिए सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई के अभियोजक संजय कुमार ने पीड़ित की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि 1 नवंबर, 1984 को टाइटलर उत्तरी दिल्ली के गुरुद्वारा पुलबंगश के पास मौजूद नहीं थे, जहां दंगों के दौरान तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि घटना के समय टाइटलर दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निवास पर थे। अभियोजक ने कहा कि सीबीआई ने निचली अदालत के आदेश पर मामले में फिर से जांच की, लेकिन उसे टाइटलर के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले।
यह मामला दंगों के दौरान तीन लोगों की हत्या से जुड़ा हुआ है, जिसमें सीबीआई कांग्रेस नेता को क्लीन चिट दे चुकी थी, और उसे एक दंगा पीड़ित लखविंदर कौर ने अदालत में चुनौती दी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने सीबीआई और पीड़ित की अंतिम दलीलें सुनने के बाद पिछले दिनों अपना फैसला 10 अप्रैल यानी आज के लिए सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई के अभियोजक संजय कुमार ने पीड़ित की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि 1 नवंबर, 1984 को टाइटलर उत्तरी दिल्ली के गुरुद्वारा पुलबंगश के पास मौजूद नहीं थे, जहां दंगों के दौरान तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि घटना के समय टाइटलर दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निवास पर थे। अभियोजक ने कहा कि सीबीआई ने निचली अदालत के आदेश पर मामले में फिर से जांच की, लेकिन उसे टाइटलर के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले।
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