नई दिल्ली:
कहने को जम्मू कश्मीर में आतंक का माहौल है. ऐसे अशांति के हालात में अगर रियासत के 14 युवाओं ने सिविल सर्विसेंज परीक्षा में अपना परचम लहराया है तो ये बहुत बड़ी बात है. सही मायने में युवाओं ने एक नई मिसाल कायम कर आतंक को करारा जवाब दिया है. इस बार यूपीएससी-2016 के नतीजे आए हैं और पहली बार जम्मू कश्मीर के एक दो नहीं बल्कि पूरे 14 युवाओं ने इस साल बाजी मारी है. पिछले साल 12 युवाओं ने ये परीक्षा पास की थी.
पिछले साल जब घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत हुई तो घाटी का माहौल बिगड़ने लगा. माहौल इतना बिगड़ा कि घाटी में छह माह तक कर्फ्यू लागू रहा, लेकिन इसके बाद भी युवाओं के हौसलों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. जम्मू कश्मीर से यह पहला मौका है जब एक साथ 14 युवाओं का चयन संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा में हुआ है.
कश्मीर घाटी के बिलाल मोहीउद्दीन भट जो नॉर्थ कश्मीर के हारीपोरा उनीसू गांव के रहने वाले हैं, उन्हें यूपीएससी परीक्षा में 10वां स्थान हासिल हुआ. दसवें स्थान पर रहे बिलाल ने साबित कर दिखाया कि कश्मीर के युवा गुमराह नहीं होंगे. वे अपना भविष्य संवारने में जुटे हुए हैं. पिछले साल सिविल सर्विस में कश्मीर के ही युवा अतर आमिर ने दूसरा रैंक हासिल कर यहां के युवाओं के लिए मिसाल कायम की थी.
जम्मू कश्मीर से जिन और लोगों ने इस परीक्षा को पास किया है उनमें हैं 39वीं रैंक पाने वाले जफर इकबाल, 86वीं रैंक के साथ सैय्यद फखरुद्दीन हमीद, 115वीं रैंक के साथ बीस्मा काजी, 125वीं रैंक सुहैल कासिम मीर सहित 14 युवा हैं जो कश्मीर के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आये हैं.
पिछले साल जब घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत हुई तो घाटी का माहौल बिगड़ने लगा. माहौल इतना बिगड़ा कि घाटी में छह माह तक कर्फ्यू लागू रहा, लेकिन इसके बाद भी युवाओं के हौसलों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. जम्मू कश्मीर से यह पहला मौका है जब एक साथ 14 युवाओं का चयन संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा में हुआ है.
कश्मीर घाटी के बिलाल मोहीउद्दीन भट जो नॉर्थ कश्मीर के हारीपोरा उनीसू गांव के रहने वाले हैं, उन्हें यूपीएससी परीक्षा में 10वां स्थान हासिल हुआ. दसवें स्थान पर रहे बिलाल ने साबित कर दिखाया कि कश्मीर के युवा गुमराह नहीं होंगे. वे अपना भविष्य संवारने में जुटे हुए हैं. पिछले साल सिविल सर्विस में कश्मीर के ही युवा अतर आमिर ने दूसरा रैंक हासिल कर यहां के युवाओं के लिए मिसाल कायम की थी.
जम्मू कश्मीर से जिन और लोगों ने इस परीक्षा को पास किया है उनमें हैं 39वीं रैंक पाने वाले जफर इकबाल, 86वीं रैंक के साथ सैय्यद फखरुद्दीन हमीद, 115वीं रैंक के साथ बीस्मा काजी, 125वीं रैंक सुहैल कासिम मीर सहित 14 युवा हैं जो कश्मीर के लिए एक नई उम्मीद की किरण लेकर आये हैं.
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