पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास गतिरोध के बाकी स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता का अगला दौर अगले सप्ताह होने की संभावना है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों ने 13वें दौर की सैन्य वार्ता की तैयारियों के तहत विवरण का आदान-प्रदान किया है ताकि गतिरोध के बाकी स्थानों पर तनाव खत्म करने पर जोर दिया जा सके. सैन्य सूत्रों ने कहा कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता के अगले दौर में हॉट स्प्रिंग्स और कुछ अन्य क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने पर चर्चा होने की उम्मीद है.
एक सूत्र ने कहा, ‘‘अगले तीन-चार दिनों में वार्ता की तारीख और स्थान पर स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है.'' अधिकारियों ने बताया कि वार्ता अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में होने की उम्मीद है. शुक्रवार से पूर्वी लद्दाख की दो दिवसीय यात्रा करने वाले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने जमीनी स्थिति की व्यापक समीक्षा के बाद कहा कि भारतीय सैनिक पूर्वी लद्दाख में किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए ‘‘हर संभव तरीके'' से तैयार हैं. पूर्वी लद्दाख के दौरे के समापन के बाद जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अग्रिम क्षेत्रों में जाने की कोशिश करता हूं ताकि मैं खुद स्थिति देख सकूं. मुझे बहुत खुशी है कि हमारे सैनिक हर संभव तरीके से पूरी तरह तैयार हैं.''
एक अलग घटनाक्रम में, सेना ने अपनी युद्धक क्षमताओं को और बढ़ाने के उपायों के तहत पूर्वी लद्दाख में के9-वज्र 155 मिमी हॉवित्जर को तैनात किया है. अधिकारियों के अनुसार, सेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख में कई अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया और अपनी यात्रा के दौरान भारत की अभियानगत तैयारियों की व्यापक समीक्षा की.
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