बीड:
मराठवाड़ा के सूखाग्रस्त जिले बीड में एक कुंए से पानी निकालते समय एक 11 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। बीड़ जिले में दो दिनों के अंतराल में सूखे के कारण मौत की यह दूसरी घटना है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि केज तहसील में वीडा गांव का सचिन गोपीनाथ केदार अपने घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक कुंए से पानी निकाल रहा था कि तभी उसका पैर फिसल गया और वह कुंए में जा गिरा। कुंए में गिरने के कारण उसकी मौत हो गई।
इससे पहले 12 साल की बच्ची की हैंडपंप चलाने से हो गई मौत
इससे पहले मंगलवार को बीड जिले में ही एक 12 वर्षीय लड़की की लू लगने से उस समय मौत हो गयी थी, जब वह करीब करीब सूख चुके हैंडपंप से पानी निकालने का प्रयास कर रही थी।
बीड के सबलखेड गांव की निवासी योगिता अशोक देसाई की पानी की कमी के कारण मौत हो गई थी। इससे पहले वह एक हैंडपंप से पांच बार पानी निकालने का प्रयास कर चुकी थी। उस दिन यहां का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस था।
इलाके के 11 जलाशयों में आठ सूखने की कगार पर
मराठवाड़ा में पानी की कमी के कारण परिवार का प्रत्येक सदस्य, विशेषकर बच्चे पानी के टैंक और हैंडपंप से इस तपती गरमी में कई कई बार पानी लाने को मजबूर हैं। इलाके के 11 प्रमुख जलाशयों में से आठ जलाशय सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं।
प्रशासन टैंकरों के जरिये पहुंचा रहा है पानी
इस साल इलाके की जलापूर्ति के लिए 2,745 पानी के टैंकर लगाये गये हैं, जबकि पिछले साल इसी समय में जलापूर्ति के लिए मात्र 939 टैंकर ही लगाये गये थे। औरंगाबाद के जिलाधिकारी पहले की स्थानीय ब्रुअरीज के लिए 20 प्रतिशत और स्थानीय उद्योगों के लिए 10 प्रतिशत पानी कटौती की घोषणा कर चुके हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पुलिस अधिकारी ने बताया कि केज तहसील में वीडा गांव का सचिन गोपीनाथ केदार अपने घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक कुंए से पानी निकाल रहा था कि तभी उसका पैर फिसल गया और वह कुंए में जा गिरा। कुंए में गिरने के कारण उसकी मौत हो गई।
इससे पहले 12 साल की बच्ची की हैंडपंप चलाने से हो गई मौत
इससे पहले मंगलवार को बीड जिले में ही एक 12 वर्षीय लड़की की लू लगने से उस समय मौत हो गयी थी, जब वह करीब करीब सूख चुके हैंडपंप से पानी निकालने का प्रयास कर रही थी।
बीड के सबलखेड गांव की निवासी योगिता अशोक देसाई की पानी की कमी के कारण मौत हो गई थी। इससे पहले वह एक हैंडपंप से पांच बार पानी निकालने का प्रयास कर चुकी थी। उस दिन यहां का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस था।
इलाके के 11 जलाशयों में आठ सूखने की कगार पर
मराठवाड़ा में पानी की कमी के कारण परिवार का प्रत्येक सदस्य, विशेषकर बच्चे पानी के टैंक और हैंडपंप से इस तपती गरमी में कई कई बार पानी लाने को मजबूर हैं। इलाके के 11 प्रमुख जलाशयों में से आठ जलाशय सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं।
प्रशासन टैंकरों के जरिये पहुंचा रहा है पानी
इस साल इलाके की जलापूर्ति के लिए 2,745 पानी के टैंकर लगाये गये हैं, जबकि पिछले साल इसी समय में जलापूर्ति के लिए मात्र 939 टैंकर ही लगाये गये थे। औरंगाबाद के जिलाधिकारी पहले की स्थानीय ब्रुअरीज के लिए 20 प्रतिशत और स्थानीय उद्योगों के लिए 10 प्रतिशत पानी कटौती की घोषणा कर चुके हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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