एक ही झटके में महागठबंधन धड़ाम! विधानसभा की ये 11 सीटें बनीं वजह

मायावती को लगता है कि बीएसपी जब लोकसभा में 10 सीटें जीत सकती है तो वह इन 11 सीटों पर समझौता क्यों करे. मायावती का दावा है कि बीएसपी को यादव वोट ट्रांसफर नहीं हुए हैं यहां तक कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल को भी नहीं जिता पाए. उनका यह भी कहना है कि इसके उल्टा बीएसपी के वोट सपा के प्रत्याशियों को ट्रांसफर हुए हैं.

एक ही झटके में महागठबंधन धड़ाम! विधानसभा की ये 11 सीटें बनीं वजह

उत्तर प्रदेश में अब 11 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 11 सीटों पर होना है उप चुनाव
  • मायावती ने किया अकेले लड़ने का फैसला
  • अखिलेश यादव ने भी कहा- अकेले लड़ेंगे
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर सपा-बसपा गठबंधन टूट गया है. लोकसभा चुनाव में बड़े जोर-शोर से बने इस गठबंधन में आरएलडी भी शामिल थी. जिस दिन गठबंधन हुआ था उस दिन ऐसा लग रहा था कि अब यह महागठबंधन उत्तर प्रदेश की राजनीति ही नहीं पूर देश में असर डालेगा और बीएसपी सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बातों से ऐसा लग रहा था कि दोनों के बीच अच्छा समन्वय है और लोकसभा चुनाव में दोनों मिलकर पीएम मोदी के विजय रथ को रोक देंगे. दरअसल यह आत्मविश्वास गोरखपुर, फूलपुर और कैराना उपचुनाव में हुई जीत के बाद का था. यहां तक मायावती ने कांग्रेस को भी इस गठबंधन में शामिल नहीं होने दिया. उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है और बीएसपी को हर बार कांग्रेस के साथ गठबंधन की वजह से नुकसान झेलना पड़ जाता है. जबकि अखिलेश यादव कांग्रेस को शामिल करने के पक्ष में थे. लेकिन बीएसपी सुप्रीमो के एक भी न चली. महागठबंधन वोट प्रतिशत के मामले में कागजों पर बीजेपी से मजबूत जरूर था लेकिन जमीन पर बीजेपी बहुत ज्यादा मजबूत थी और उसके कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत लगा रखी जिसका नतीजा सबके सामने है. लेकिन सवाल इस बात का है कि क्या महागठबंधन की नींव इतनी कमजोर थी कि एक हार भी बर्दाश्त नहीं कर पाया और धड़ाम से गिरता नजर आ रहा है. 

मायावती को अखिलेश यादव का जवाब, गठबंधन नहीं तो अकेले लड़ेंगे उप चुनाव, रास्ते अलग-अलग तो सबको बधाई

इसकी एक वजह उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर होने वाला उप चुनाव भी है. मायावती को लगता है कि बीएसपी जब लोकसभा में 10 सीटें जीत सकती है तो वह इन 11 सीटों पर समझौता क्यों करे. मायावती का दावा है कि बीएसपी को यादव वोट ट्रांसफर नहीं हुए हैं यहां तक कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल को भी नहीं जिता पाए. उनका यह भी कहना है कि इसके उल्टा बीएसपी के वोट सपा के प्रत्याशियों को ट्रांसफर हुए हैं. वहीं मायावती के इस ऐलान के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी जवाब देते हुए कहा कि सपा भी इन सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. यादव ने भी यह भी कहा कि रास्ते अलग-अलग तो सबको बधाई.

कौन सी वह 11 सीटें
 गंगोह (सहारनपुर), टूंडला, गोविंदनगर (कानपुर), लखनऊ कैंट, प्रतापगढ़, मानिकपुर चित्रकूट, रामपुर, जैदपुर(सुरक्षित) (बाराबंकी), बलहा(सुरक्षित), बहराइच, इगलास (अलीगढ़), जलालपुर (अंबेडकरनगर). इन सीटों पर ज्यादातर विधायकों को बीजेपी ने लोकसभा का चुनाव लड़ाया है. जिसकी वजह से यह खाली हो गई हैं.

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