अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शुक्रवार को 11 और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जिनमें दो रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं. इसके साथ ही देश के इस शीर्ष अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित कर्मियों की संख्या 206 हो गई है. एम्स के एक अधिकारी ने बताया कि एक फरवरी से लेकर दो संकाय सदस्यों, 10 रेजिडेंट डॉक्टरों, 26 नर्सों, नौ तकनीशियनों, पांच भोजनालय कर्मियों, 49 अस्पताल अटेंडेंट, 34 सफाईकर्मियों और 69 सुरक्षा गार्डों सहित 206 स्वास्थ्य देखभाल कर्मी कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए हैं.
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी के शर्मा ने बताया कि 150 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी ठीक हो चुके हैं और काम पर वापस आ चुके हैं. पिछले तीन दिन में रेजिडेंट डॉक्टरों, नर्सों, प्रयोगशाला कर्मियों, तकनीशियनों, सफाईकर्मियों और सुरक्षा गार्डों सहित 64 से अधिक स्वास्थ्य देखरेख कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
डॉ. शर्मा ने कहा, ‘‘हम संस्थान में अपने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सभी सावधानियां बरत रहे हैं और सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं. जब भी कोई स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित पाया जाता है, हम तत्काल उसे पृथक करते हैं और उसके संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं.''
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार की सुबह तक 11 स्वास्थ्यकर्मियों के नमूने पॉजिटिव पाए गए, जबकि 30 स्वास्थ्यकर्मी बृहस्पतिवार की सुबह तक संक्रमित पाए गए और 23 कर्मी बुधवार की सुबह तक संक्रमित पाए गए. डॉ. शर्मा ने कहा, ‘‘संक्रमित पाए गए स्वास्थ्य और सहायक कर्मी अस्पताल के कोविड एवं गैर कोविड क्षेत्रों से हैं. इंजीनियरिंग, प्रयोगशालाओं, कार्यालयों, कैंटीन, ऑपरेशन थिएटर जैसे सभी तरह के विभागों के कर्मी संक्रमण की चपेट में आए हैं.''
एम्स के एक स्वच्छता सुपरवाइजर की रविवार को कोरोना वायरस से मौत हो गई थी, जबकि पिछले सप्ताह अस्पताल की कैंटीन के एक कर्मचारी की मौत इस विषाणु से हो गई थी.
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