प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
देश में जल संरक्षण और प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने, नदियों के बहाव की निगरानी करने और प्रदूषण को दूर करने के लिए सरकार ने महत्वकांक्षी ‘जल क्रांति अभियान’ योजना को आगे बढ़ाते हुए अब तक 1001 ‘जल ग्राम’ का चयन किया है। राज्यों के सहयोग से इस अभियान को अगले दो साल में तेजी से बढ़ाने का निर्णय किया गया है। जल संसाधन एवं नदी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि इस योजना के तहत देश के 674 जिलों में जल की कमी वाले दो गांवों प्रति जिले के हिसाब से चुने जाएंगे जहां जल का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ‘जल ग्राम’ पहल शुरू की जा रही है।
दो साल तक जारी रहेगा
अधिकारियों के मुताबिक 674 जिलों में ऐसे 1348 जल ग्राम की पहचान करनी है और अब तक 1001 गांव को चुन लिया गया है। इस सिलसिले में अधिकारियों को समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया गया है कि जिन राज्यों में जल ग्राम के चयन का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है, उनमें तेजी लाई जाए। अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में इस अभियान को अगले दो साल तक जारी रखने का फैसला लिया गया है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने जून 2015 में इसकी शुरूआत तीन क्षेत्रों राजस्थान के जयपुर, उत्तरप्रदेश के झांसी और हिमाचल प्रदेश के शिमला से की थी।
जिन राज्यों में प्रत्येक जिले में दो जल ग्राम की पहचान का कार्य पूरा किया गया है उनमें गोवा, केरल, नगालैंड, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश शामिल है। इस पहल में पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र पीछे चल रहे हैं।
दो साल तक जारी रहेगा
अधिकारियों के मुताबिक 674 जिलों में ऐसे 1348 जल ग्राम की पहचान करनी है और अब तक 1001 गांव को चुन लिया गया है। इस सिलसिले में अधिकारियों को समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया गया है कि जिन राज्यों में जल ग्राम के चयन का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है, उनमें तेजी लाई जाए। अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में इस अभियान को अगले दो साल तक जारी रखने का फैसला लिया गया है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने जून 2015 में इसकी शुरूआत तीन क्षेत्रों राजस्थान के जयपुर, उत्तरप्रदेश के झांसी और हिमाचल प्रदेश के शिमला से की थी।
जिन राज्यों में प्रत्येक जिले में दो जल ग्राम की पहचान का कार्य पूरा किया गया है उनमें गोवा, केरल, नगालैंड, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश शामिल है। इस पहल में पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र पीछे चल रहे हैं।
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