किसान संगठनों के 27 सितंबर के भारत बंद का समर्थन करेंगे 10 प्रमुख श्रम संगठन

CITU के नेशनल सेक्रेट्री स्वदेश देवरॉय ने कहा कि  27 सितंबर को सभी 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन के बड़े नेता और कार्यकर्ता देशभर में किसान संगठनों के साथ उनके समर्थन में प्रदर्शन करेंगे.

नई दिल्‍ली :

देश के 10 सबसे बड़े केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर के भारत बंद का समर्थन करने का ऐलान किया है. मंगलवार को इन्‍होंने एक साझा बयान जारी कर कहा, 'सभी 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के नेता और कार्यकर्ता भारत बंद के दौरान देशभर में प्रदर्शन करेंगे.'सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन (CITU)के नेशनल सेक्रेट्री स्वदेश देवरॉय ने NDTV से बातचीत में कहा कि  27 सितंबर को सभी 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन के बड़े नेता और कार्यकर्ता देशभर में किसान संगठनों के साथ उनके समर्थन में प्रदर्शन करेंगे. उन्‍होंने कहा कि हम भारत बंद के दौरान 27 सितंबर को तीनों नए कृषि कानूनों और नए इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के साथ-साथ चारों लेबर कोड्स (Labour Codes) को रद्द करने की मांग करेंगे.     केंद्र सरकार की आर्थिक सुधार की नीतियों के खिलाफ संघ परिवार में भी गतिरोध खुलकर सामने आ गया है.

राष्ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े श्रमिक संगठन, भारतीय मज़दूर संघ (BMS)ने देशभर में 9 सितम्बर को बढ़ती महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है. भारतीय मज़दूर संघ, रक्षा और दूसरे अहम् सेक्टरों के कार्पोटाइजेशन और प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ है. इस संगठन के कार्यकर्ता 28 अक्टूबर को देश के हर ज़िले में विरोध कार्यक्रम करेंगे.

भारतीय मज़दूर संघ के ऑल इंडिया सेक्रेटरी गिरीश आर्य ने NDTV को बताया, "कोरोना संकट के दौरान बड़ी संख्या में वर्कर प्रभावित हुए. एक तरफ आज मज़दूरों के पास आय नहीं है, रोज़गार नहीं है और दूसरी तरफ महंगाई बढ़ गई है. पूरे देश में हर ज़िले में देशभर में बीएमएस के कार्यकर्ता विरोध- प्रदर्शन करेंगे तीनों नए कृषि कानूनों और इलेक्ट्रिसिटी बिल के साथ साथ चारों लेबर कोड्स के खिलाफ भी श्रमिक और किसान संगठन लामबंद हो गए हैं. ज़ाहिर है, अहम आर्थिक नीतियों के खिलाफ श्रमिक और किसान संगठनों के बढ़ते विरोध से निपटना सरकार के लिए आसान नहीं होगा.

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