सर्दी के मौसम में हमारे खानपान (Diet) में काफी बदलाव आता है. ऐसे में डाइजेशन की समस्या (digestion problem) होने पर पेट में अक्सर दर्द बना रहता है. एसिडिटी जैसी समस्याएं भी होती है. डाइजेशन सिस्टम मजबूत करने के लिए लोग आयुर्वेदिक दवाइयों से लेकर ऐलोपैथिक दवाइयों तक का सहारा लेते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें हर दिन करने से आपका डाइजेशन सिस्टम अच्छा बना रह सकता है. कई और भी बीमारियों से भी दूर रह सकते हैं.
डाइजेशन को बेहतर बनाने के लिए रोज करें ये योगासन-
1. पश्चिमोत्तानासन
इस आसन को आगे की ओर झुकने वाले आसन के नाम से भी जाना जाता है. यह गैस या कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाने के साथ साथ पेट की चर्बी को कम करने का काम भी कर सकता है.
आसन करने का तरीका-
- फर्श पर बैठें और अपने हाथों को पैरों की तरफ बढ़ाएं.
- पक्का करें कि इस दौरान आपकी रीढ़ बिलकुल सीधी रहे.
- अपने हाथों को सीने के सामने सीधे रखें और सांस अंदर लें.
- अब आगे की तरफ झुकते हुए पैरों की उंगलियां पकड़ें.
- अपनी ठोड़ी को पैरों पर रखें. करीब एक मिनट तक इसी पोजीशन में रहें..
- अब वापस पहली पोजीशन में आ जाएं.
- इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं.
2. बालासन
इसे चाइल्ड पोज के नाम से भी जाना जाता है. इसकी मदद से टेंशन या तनाव को कम करने और दिमाग शांत करने में मदद मिल सकती है. इससे डाइजेशन सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है.
आसन करने का तरीका-
- अपनी एड़ी पर बैठकर आगे की तरफ झुकें.
- अपने सीने को जांघों तक ले जाने की कोशिश करें.
- हाथ सीधा आगे की तरफ ले जाएं. करीब तीन मिनट तक इसी पोजीशन में रहें.
- इसके बाद पहली पोजीशन में वापस आ जाएं.
3. पवनमुक्तासन
इस आसन की मदद से गैस और पेट की बीमारियां दूर हो जाती हैं. इसे पेट की मसल्स या मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद माना जाता है.
आसन करने का तरीका-
- जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं. गहरी सांस अंदर लें और पैर ऊपर की तरफ उठाएं.
- अब, घुटनों को मोड़ते हुए सीने की ओर ले जाएं.
- अपने घुटनों पर हाथ रखें और गले लगाने जैसी पोजीशन में आ जाएं.
- अपनी नाक से घुटनों को टच करें. करीब 30 सेकंड तक इसी पोजीशन में रहें.
- अब पहली पोजीशन में वापस आ जाएं.
4. त्रिकोणासन
इसे त्रिकोण मुद्रा आसन भी कहा जाता है. यह पाचन की समस्या को ठीक करता है, भूख बढ़ाता है और कब्ज से छुटकारा भी दिलाता है. यह लीवर और पेट की बीमारियों को भी दूर करने में मददगार माना जाता है.
आसन करने का तरीका-
- अपने पैरों को सीधा रखते हुए अपने हाथों को फैलाएं.
- अपने दाहिने पैर को दाहिनी तरफ मोड़ें और उसी तरफ अपने शरीर को झुकाएं.
- दाएं पैर को हाथ से टच करें. अपने बाएं हाथ को ऊपर की तरफ ले जाएं.
- अब पहली पोजीशन पर आ जाएं और दूसरी तरफ से भी ऐसा ही करें.
5. अर्ध मत्स्येन्द्रासन
पाचन सिस्टम को मजबूत करने के लिए अर्ध मत्स्येन्द्रासन को बढ़िया आसन माना जाता है. हर दिन सुबह या शाम आप इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं. आप चाहें तो दोनों समय भी इस आसन को कर सकते हैं.
आसन करने का तरीका-
- अपने पैरों को आगे करें और रीढ़ सीधी करके बैठ जाएं.
- अब घुटनों को झुकाते हुए अपने बाएं पैर को थोड़ा सा ऊपर लाएं.
- अपने दाएं पैर को बाएं घुटने के ऊपर ले जाएं.
- इस तरह से दायां पैर आपके बाएं घुटने के पास में होगा.
- अब शरीर को मोड़ते हुए अपने बाएं हाथ को दाएं घुटने पर ले जाएं.
- अपने दाएं हाथ को पीठ के पीछे रखें. करीब एक मिनट तक इसी पोजीशन में रहें.
- पहली पोजीशन में वापस आने के बाद ऐसा ही दूसरी तरफ से करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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