World Mental Health Day 2021: मेंटल हेल्थ एक ऐसा विषय है जो हमारे जीवन में बेहद अहमियत रखता है, फिर भी ज्यादातर लोग इसकी अनदेखी ही करते हैं. मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, इंजायटी से लेकर हिस्टिरिया, डिमेंशिया, फोबिया जैसी कई मानसिक बीमारियां है जो पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है. कोरोना के इस दौर में तो सोशल डिस्टेंसिंग, आइसोलेशन के कारण ये समस्याएं और भी बढ़ गई हैं. ऐसे में 'मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता' ये विषय और भी ज्यादा प्रासंगिक हो गया है. पूरी दुनिया में 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है. आईये जानते हैं कि क्या है इसका इतिहास, क्यों मनाया जाता है और क्या महत्व है इस दिन का.
कब और कैसे हुई विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरुआत
सबसे पहले वर्ष 1992 में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया गया था. यूनाइडेट नेशन्स के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर सबसे पहले इस दिन को मनाया गया था. आपको बता दें कि वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (WFMH) 150 से अधिक सदस्य देशों वाला एक वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है. 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने एक थीम तय कर इस दिवस को मनाने की सलाह दी. इसके बाद से ही प्रतिवर्ष 10 अक्तूबर को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ाने को लेकर दुनिया भर में तरह-तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं.
क्यों मनाते हैं और क्या है महत्व
हमारे जीवनशैली में बदलाव, अपने आप में उलझे रहना और समाजिक जीवन से दूरी चिंता और तनाव का कारण बनते जा रहे हैं. आगे जाकर यही डिप्रेशन के साथ ही इस तरह की अन्य मानसिक बीमारियों की वजह बन जाती है. दुनिया में बहुत से लोग सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया, हिस्टिरिया, एग्जाइटी, आत्महीनता जैसी कई समस्याओं और बीमारियों से जूझ रहे हैं. इसी तरह की मानसिक दिक्कतों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के मकसद से वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है. इसका मकसद है कि लोग मानसिक परेशानियों के प्रति जागरूक हों और समय रहते डॉक्टरी सहायता ले सकें. साथ ही मानसिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों की कठिनाई को उनके दोस्त, रिश्तेदार व समाज भी समझ सकें.
2021 वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की थीम
डब्ल्यूएफएमएच के प्रेसिडेंट डॉ इंग्रिड डेनियल ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021 के लिए थीम की घोषणा की है. इस बार की थीम है 'एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य' (Mental Health in an Unequal World). इस विषय को WFMH के सदस्यों, हितधारकों और समर्थकों सहित वैश्विक वोट द्वारा चुना गया है, क्योंकि दुनिया तेजी से ध्रुवीकृत हो रही है, अमीर लोग और भी अमीर बन रहे हैं, जबकि गरीबों व साधनहीनों की संख्या अभी भी बहुत ज्यादा है. बीते सालों में देखा गया है कि लोगों के समाजिक और आर्थिक दर्जे के अनुसार भेदभाव काफी बढ़ा है. ये भेदभाव भी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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