
What is Female genital mutilation : देश की बेटियों को आज भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें वो अधिकार भी नहीं मिल पा रहे, जो हमारा संविधान उन्हें देता है. ऐसी ही एक बुरी और अमानवीय प्रथा है 'खतना' यानी फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (FGM). चीफ जस्टिस बी.आर. गवई ने खुद इस बात को माना है कि ये आज भी जारी है.
आपको बता दें कि दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में ये प्रथा सदियों से चली आ रही है. लेकिन अब इस पर रोक लगाने की मांग तेज हो गई है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है, जिसमें इस प्रथा को गैरकानूनी घोषित करने की बात कही गई है. अब सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की एक बड़ी बेंच इस पर फैसला सुनाएगी. ऐसे में आइए जानते हैं ये FGM क्या है और इसको रोकने के लिए WHO क्या कदम उठा रहा है...
23 करोड़ लड़कियां और महिलाएं खतना का शिकार
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 23 करोड़ से ज़्यादा लड़कियां और महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें एक भयानक दर्द से गुजरना पड़ा है. ये दर्द है फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (FGM) का, जिसे आसान भाषा में कहें तो लड़कियों के प्राइवेट पार्ट्स को नुकसान पहुंचाना. ये कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक पुरानी और गलत परंपरा है, जो अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के करीब 30 देशों में आज भी चल रही है. ये छोटी बच्चियों से लेकर 15 साल तक की लड़कियों के साथ अक्सर होता है.
क्या है FGM?
FGM का मतलब है कि लड़कियों के बाहरी जननांगों (प्राइवेट पार्ट्स) को आंशिक या पूरी तरह से काट देना या किसी और तरह से उन्हें चोट पहुंचाना. ये सब बिना किसी मेडिकल वजह के किया जाता है. सोचिए, इससे लड़कियों को कितना दर्द होता होगा! इसका लड़कियों की सेहत के लिए कोई फायदा नहीं, बल्कि सिर्फ नुकसान ही नुकसान है.
यह भी पढ़ें
क्या आप भी नहीं पूरी कर रहे हैं 8 घंटे की नींद, दिमाग को पहुंच सकता है ये 5 बड़ा नुकसान
कितना खतरनाक FGM?
FGM करवाने वाली लड़कियों को तुरंत कई दिक्कतें हो सकती हैं-
तेज दर्दये सबसे पहली और सबसे भयानक चीज है.
बहुत खून बहनाकई बार तो इतना खून बह जाता है कि जान का खतरा बन जाता है.
सूजन और बुखारजननांगों में सूजन आ जाती है और तेज बुखार भी हो सकता है.
इंफेक्शनटेटनस जैसे खतरनाक इन्फेक्शन हो सकते हैं.
पेशाब की दिक्कतेंपेशाब करने में बहुत दर्द होता है या मुश्किल होती है.
घाव भरने में परेशानीकटे हुए हिस्से में घाव जल्दी नहीं भरते.
आसपास के अंगों को नुकसानप्राइवेट पार्ट्स के आसपास के अंगों को भी चोट लग सकती है.
सदमा और मौतकई बार लड़कियां सदमे में चली जाती हैं, और तो और कुछ मामलों में मौत भी हो जाती है.
लंबे समय में भी इसके बहुत बुरे नतीजे सामने आते हैं,जैसे-
- बार-बार यूरिन इन्फेक्शन और पेशाब करते समय दर्द.
- डिस्चार्ज, खुजली और दूसरे इन्फेक्शन.
- पीरियड के दौरान तेज दर्द और खून निकलने में दिक्कत.
- भद्दे निशान बन जाते हैं.
- यौन संबंध बनाने में दिक्कत और संतुष्टि नहीं मिलती.
- बच्चे के जन्म के दौरान मुश्किल, ज़्यादा खून बहना, ऑपरेशन (सी-सेक्शन) की जरूरत और नवजात शिशुओं की मौत का खतरा बढ़ जाता है.
टाइप 3 FGM वाली महिलाओं को बाद में सर्जरी करवानी पड़ती है ताकि यौन संबंध बना सकें या बच्चे को जन्म दे सकें.
डिप्रेशन, चिंता, तनाव और खुद को कम समझने जैसी मानसिक दिक्कतें भी हो सकती हैं.
FGM के प्रकार
FGM के चार मुख्य प्रकार हैं, जो सभी बहुत खतरनाक हैं:
टाइप 1इसमें क्लिटोरिस के बाहरी हिस्से को आंशिक या पूरी तरह से हटा दिया जाता है.
टाइप 2इसमें क्लिटोरिस और योनि के अंदरूनी होंठों को आंशिक या पूरी तरह से हटा दिया जाता है, और कभी-कभी बाहरी होंठों को भी हटा दिया जाता है.
टाइप 3 (इन्फिबुलेशन)ये सबसे खतरनाक है. इसमें योनि के मुंह को सिकोड़ दिया जाता है, जिससे एक सील बन जाती है. इसके लिए अंदरूनी या बाहरी होंठों को काटकर आपस में सिल दिया जाता है.
टाइप 4इसमें प्राइवेट पार्ट्स को नुकसान पहुंचाने वाले कोई भी दूसरे तरीके शामिल हैं, जैसे छेद करना, चीरा लगाना, खुरचना या जलाना.
किन पर है खतरा?
ज्यादातर ये छोटी बच्चियों और किशोरियों के साथ होता है, लेकिन कभी-कभी बड़ी महिलाओं के साथ भी कर दिया जाता है. अभी तक के आंकड़ों के हिसाब से अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के 31 देशों में 23 करोड़ से ज्यादा लड़कियां और महिलाएं इसका शिकार हो चुकी हैं. हर साल 40 लाख से अधिक लड़कियों पर इसका खतरा मंडरा रहा है. ये सिर्फ एक इलाके की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है.
क्यों करते हैं FGM?
इसके पीछे कई तरह के सामाजिक और सांस्कृतिक कारण हैं, जो जगह-जगह और समय के साथ बदलते रहते हैं-
सामाजिक दबावजहां FGM एक पुरानी परंपरा है, वहां लोग इसे इसलिए करते हैं ताकि समाज में उनकी इज्जत बनी रहे और उन्हें बाहर न किया जाए.
लड़की को तैयार करनाकई लोग इसे लड़की को बड़ा करने का एक जरूरी हिस्सा मानते हैं, और शादी के लिए तैयार करने का तरीका. उनका मानना है कि इससे लड़की की वर्जिनिटी बनी रहेगी और वह शादी के बाद वफादार रहेगी.
धार्मिक मान्यता भी है बड़ी वजहकुछ लोग मानते हैं कि धर्म में ऐसा करने को कहा गया है, जबकि किसी भी धार्मिक ग्रंथ में FGM का जिक्र तक नहीं है. कई धार्मिक नेता तो इसके खिलाफ खड़े हैं.
जब डॉक्टर भी इसमें शामिल हों...
ये बहुत दुख की बात है कि कई बार हेल्थ वर्कर्स भी FGM करते हैं. इसके पीछे कुछ वजहें हैं:
कम खतरे का भ्रमउन्हें लगता है कि अगर डॉक्टर ये करेगा, तो इन्फेक्शन या दूसरी दिक्कतें कम होंगी.
धीरे-धीरे खत्म करने का तरीकाकुछ को लगता है कि ये FGM को पूरी तरह खत्म करने की तरफ पहला कदम है.
सामाजिक दबावहेल्थ वर्कर्स भी उसी समाज का हिस्सा होते हैं, जहां FGM की परंपरा है, तो उन पर भी दबाव होता है.
पैसों का लालचकई बार पैसों के लिए भी ये गलत काम किया जाता है.
लेकिन WHO (World health organisation -विश्व स्वास्थ्य संगठन) के सपोर्ट और ट्रेनिंग से, अब कई हेल्थ वर्कर्स FGM के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और अपने परिवार और समुदाय में भी जागरूकता फैला रहे हैं.
FGM को रोकने के लिए क्या कर रहा है WHO?
2008 में WHO ने FGM को खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव पास किया था. WHO FGM को रोकने और इससे होने वाली समस्याओं का इलाज करने के लिए हेल्थ वर्कर्स को गाइडेंस और रिसोर्स देता है. साथ ही, ये पता लगाने के लिए रिसर्च भी करता है कि FGM को खत्म करने के लिए क्या सबसे असरदार हो सकता है.
WHO ने पार्टनर ऑर्गनाइजेशन के साथ मिलकर मेडिकल FGM के खिलाफ एक ग्लोबल स्ट्रेटेजी बनाई है और इसे लागू करने में देशों की मदद कर रहा है.
बता दें कि FGM एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन (Human rights violations) है और इसे तुरंत बंद करने की जरूरत है. ऐसे में हम सबको मिलकर इस क्रूर प्रथा के खिलाफ आवाज उठानी होगी और लड़कियों को इस भयावह दर्द से बचाना होगा.
धूम्रपान करने वालों को खांसी की दिक्कत क्यों होती है?
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं