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ब्रश से ज्यादा क्यों बेहतर है दातुन? किस महीने में कौन सी करें दातुन, फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप!

Datun Ke Fayde: क्या आप जानते हैं कि कौन सी दातुन सेहत के लिए है फायदेमंद और कितना होना चाहिए दातुन का आकार.

ब्रश से ज्यादा क्यों बेहतर है दातुन? किस महीने में कौन सी करें दातुन, फायदे जानकर चौंक जाएंगे आप!
Datun Ke Fayde: दातुन के फायदे.

Datun Health Benefits In Hindi: दांतों की सफाई के साथ पूरे शरीर के लिए दातुन को फायदेमंद माना जाता है. इसके लिए समय भी निर्धारित है. जी हां आपने बिल्कुल सही सुना. प्राकृतिक ब्रश का इस्तेमाल करना कई गुना फायदेमंद है. नीम, बबूल या अन्य टहनियों से बनी दातुन न केवल दांतों को स्वच्छ और चमकदार बनाती है, बल्कि मसूड़ों की देखभाल भी करती है. अष्टांग हृदयम में महर्षि वाग्भट ने दातुन के बारे में विस्तार से बताया है. दातुन कैसा होना चाहिए? किस महीने में किसका इस्तेमाल करें, इसे लेकर भी बहुत कुछ लिखा गया है.

महर्षि वाग्भट बताते हैं कि दातुन वही बेहतर है जो स्वाद में कसैला या कड़वा हो और नीम से ज्यादा कड़वा क्या हो सकता है? मगर उन्होंने नीम से भी अच्छे मदार के दातुन के बारे में बताया है. अष्टांग हृदयम में नीम, मदार के अलावा बबूल, अर्जुन, आम, अमरुद, जामुन, महुआ, करंज, बरगद, अपामार्ग, बेर, शीशम के साथ ही बांस का भी वर्णन मिलता है.

कौन सी दातुन है सेहत के लिए फायदेमंद- (Which Datun is beneficial for health)

महर्षि ने नीम, मदार समेत 12 ऐसे वृक्षों का नाम बताया है, जिनके दातुन आप कर सकते हैं. इनके इस्तेमाल के लिए माह भी निर्धारित हैं. महर्षि ने चैत्र माह से लेकर गर्मी भर नीम, मदार या बबूल का दातुन करने के लिए बताया है. सर्दियों में अमरुद या जामुन, तो वहीं, बरसात के मौसम में उन्होंने आम या अर्जुन का दातुन करने की सलाह अपने ग्रंथ में दी है.

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नीम के दातुन के फायदे- (Neem Datun Ke Fayde)

महर्षि के ग्रंथ में वर्णित है कि नीम के दातुन को निरंतर नहीं किया जा सकता है. इसके लिए बीच में विराम देना आवश्यक है. तीन महीने लगातार करने के बाद मंजन या दूसरे दातुन का इस्तेमाल करना चाहिए. वृक्ष विशेष के रस न सिर्फ हमारे दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि शरीर के कई रोगों में भी राहत मिल सकती है. नीम के दातुन में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो दांतों पर जमी प्लाक और बैक्टीरिया को खत्म करते हैं. नीम के दातुन से मसूड़ों में सूजन और खून आने की समस्या को खत्म किया जा सकता है. मुंह से आने वाली दुर्गंध भी दूर होती है. नीम की छाल में निम्बीन या मार्गोसीन नामक तिक्त तत्व और निम्बोस्टेरोल पाया जाता है. इसकी टहनी से निकले रस से मसूड़ों की सूजन, पायरिया, दांतों में कीड़ा लगना, आदि कष्ट दूर हो सकते हैं. अष्टांग हृदयम में वर्णित है कि यदि गर्भवती महिलाएं नीम की ताजी टहनियों की दातुन सुबह-शाम नियमित रूप से करती हैं, तो उसका गर्भस्थ शिशु निरोगी जन्म लेता है तथा उसे किसी भी प्रकार के रोग निरोधी टीकों को लगाने की आवश्यकता ही नहीं होती.

बबूल के दातुन के फायदे- (babool Datun Ke Fayde)

आयुर्वेद में बबूल की दातुन कफनाशक, पित्तनाशक, रक्त संबंधित अनेक समस्याओं को दूर करने वाला माना जाता है. बबूल के अंदर एक गोंद होता है, जिसमें पाए जाने वाले तत्व अतिसार, फेफड़े से संबंधित समस्याओं के साथ ही दांतों के असमय न गिरने देने, मसूड़ों से खून न निकलने, मुंह के छालों का रोकने का भी गुण होता है. ब्रह्मलीन पं. तृप्तिनारायण झा शास्त्री के अनुसार लगातार बबूल के दातुन को करते रहने से बांझपन एवं गर्भपात होने का भय नहीं रहता है.

अर्जुन की दातुन के फायदे- (Arjun Datun Ke Fayde)

अर्जुन की टहनी क्रिस्टलाइन लेक्टोन युक्त होती है. यह रक्त, हृदय रोगों में राहत देने के साथ शारीरिक सुंदरता को बढ़ाने वाला होता है. इसकी ताजी टहनी से दातुन करने से हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, टीबी समेत अनेक बीमारियां नष्ट हो सकती हैं.

महुआ की दातुन के फायदे- (Mahua Datun Ke Fayde)

मधूक या महुआ में माउरिनग्लाइाोसाइडल सैपोनिन तत्व पाया जाता है. जो वात पित्त शामक, त्वचा, मूत्र मार्ग से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के साथ ही दांतों की कमजोरी, दांतों से रक्त आना, मुंह और गला सूखने की परेशानियों से बचा सकता है.

बरगद की दातुन के फायदे- (Bargad Datun Ke Fayde)

बरगद की दातुन में टैनिक नामक तत्व पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने वाला, गर्भावस्था में होने वाली समस्याओं के लिए रामबाण माना जाता है. ब्रह्मलीन पं. तृपिनारायण झा शास्त्री के अनुसार बरगद की टहनियों को लगातार दातुन करने से मुख और शरीर से संबंधित सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं. अपामार्ग की टहनी में क्षारीय गुण होता है. यह पथरी, श्वास रोग, त्वचा संबंधित रोगों का नाश करता है.

करंज की दातुन के फायदे- (Karanj Datun Ke Fayde)

करंज की दातुन बवासीर के साथ ही पाचन से जुड़ी समस्याओं में भी राहत देती है. इसके नियमित सेवन से पेट की जलन, पेट में कीड़े लगने की समस्या में आराम मिल सकता है.

बेर के दातुन के फायदे- (Ber Datun Ke Fayde)

बेर की दातुन से मुंह की समस्याएं तो दूर होती ही हैं, साथ ही ये गले की खराश, अधिक मासिक स्राव संबंधी शारीरिक परेशानियों को भी दूर किया जा सकता है. इससे दांत के कीड़े, रक्त विकार, खांसी, मुंह से बदबू संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं.

दातुन का आकार कैसा चाहिए होना चाहिए? What should shape And Side of Dadun?

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि दातुन लगभग 6-8 इंच लंबी होनी चाहिए तथा खूब महीन कूची बनाकर ही करनी चाहिए. यह सुबह शाम करना और भी फायदेमंद माना जाता है. दातुन करने के दौरान हमेशा उकड़ू (पांव के बल) बैठना चाहिए, जिससे दातुन का लाभ सभी अंग प्राप्त कर सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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