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कैसे की जाती है मलेरिया की जांच? जानिए इस खतरनाक बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज

ज्यादातर लोगों को मलेरिया होने की वजह और उसके लक्षण मालूम होते हैं, लेकिन मलेरिया की जांच, रोकथाम और इलाज के बारे में ठीक से पता नहीं होता. इस वजह से कई लोग ढंग से अपना बचाव नहीं कर पाते.

कैसे की जाती है मलेरिया की जांच? जानिए इस खतरनाक बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज
जानिए मलेरिया के लक्षण, कारण और इलाज.

World Malaria Day 2025: मौसम के बदलने और मच्छरों के मंडराने के साथ ही हमारे आसपास कई खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. इन बीमारियों में मलेरिया की चर्चा सबसे ज्यादा होती है. हालांकि, अपने देश में मलेरिया हर मौसम में होने वाली बीमारी है, लेकिन मच्छरों वाले मौसम में ज्यादा लोग मलेरिया से पीड़ित होते है. आमतौर पर ज्यादातर लोगों को मलेरिया होने की वजह और उसके लक्षण मालूम होते हैं, लेकिन मलेरिया की जांच, रोकथाम और इलाज के बारे में ठीक से पता नहीं होता. इस वजह से कई लोग ढंग से अपना बचाव नहीं कर पाते.

मलेरिया होने का कारण क्या है, कैसे होते हैं इसके लक्षण? (What causes malaria and what are its symptoms?)

मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने और प्लाज्मोडियम नाम के परजीवी के इंसान के शरीर में छोड़ने के कारण मलेरिया होता है. मलेरिया के मरीज को सर्दी यानी ठंड लगने और सिर दर्द के साथ बार-बार तेज बुखार आता है. मरीज की कंपकंपी छूटने लगती है और बुखार आता-जाता रहता है. समय पर इलाज नहीं मिलने या गंभीरता बढ़ने पर मरीज कोमा में चला जाता है और कई मामले में उसकी मौत भी हो जाती है. इसलिए मलेरिया जैसे खतरनाक रोग से बचाव बेहद जरूरी है. आइए, मलेरिया की जांच और इलाज के बारे में जानते हैं.

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मलेरिया की जांच कैसे की जाती है? मरीज से क्या पूछते हैं डॉक्टर? (How is malaria tested? What does the doctor ask the patient?)

मलेरिया के लक्षण दिखने पर डॉक्टर सबसे पहले मरीज की लाइफ स्टाइल, मेडिकल हिस्ट्री और हाल में की गई यात्राओं के बारे में पूछताछ करता है. इसके बाद वह ब्लड टेस्ट कराता है. कुछ ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट आने में एक दिन से ज्यादा समय भी लग सकता है. वहीं, कुछ टेस्ट की रिपोर्ट 15 मिनट से भी कम समय में भी मिल सकती है. इस टेस्ट के जरिए खून में मलेरिया फैलाने वाले परजीवी की मौजूदगी कंफर्म करने के बाद ही डॉक्टर आगे की जांच, दवाई, आराम, डाइट और परहेज से जुड़ी सलाह देते हैं.

कैसे किया जाता है मलेरिया के मरीजों का इलाज? (How are malaria patients treated?)

मलेरिया के मरीज के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर संभावित जटिलताओं का आकलन करते हैं और उसके मुताबिक इलाज करते हैं. मरीज की उम्र, लक्षणों की गंभीरता और मलेरिया परजीवी के प्रकार को देखकर दवाई दी जाती है. महिलाओं के मामले में उनकी प्रेग्नेंसी से जुड़े सवाल भी जरूरी होते हैं. डॉक्टर मरीज के परिवार की सेहत के बारे में भी पूछताछ करते हैं. ज्यादा गंभीर लक्षण दिखने पर मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर देखभाल की जाती है. डॉक्टर्स के मुताबिक, मलेरिया परजीवी को मारना और मरीज की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना ही इलाज का मकसद होता है.

मलेरिया के इलाज में किन दवाइयों का होता है इस्तेमाल? (Which medicines are used to treat malaria?)

मलेरिया के इलाज में क्लोरोक्वीन फॉस्फेट सबसे ज्यादा प्रचलित दवाई मानी जाती है. कई देशों में मलेरिया फैलाने वाले परजीवी इस दवाई की प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुके हैं. इसलिए वहां दो या अधिक दवाओं को मिलाकर  मलेरिया का इलाज किया जाता है. इसे आर्टेमिसिनिन-आधारित संयोजन चिकित्सा या एसीटी कहते हैं. ये दवाइयां मलेरिया परजीवी के खिलाफ अलग-अलग तरीकों से काम करती है. इनमें आर्टेमेथर-ल्यूमफैंट्रिन (कोर्टेम) और आर्टेसुनेट-मेफ्लोक्वीन जैसी मेडिसीन शामिल है. इसके अलावा, मलेरिया के इलाज में आमतौर पर एटोवाक्वोन-प्रोगुआनिल (मैलारोन), डॉक्सीसाइक्लिन (ओरेसिया, वाइब्रामाइसिन) जैसी दवाई दी जाती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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