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This Article is From May 12, 2022

Knock Knee Syndrome: चलते या दौड़ते समय आपस में क्यों टकराते हैं पैर, जानें नॉक नी सिंड्रोम का कारण और इलाज

Knock Knee Treatment: नॉकिंग नीज घुटनों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें घुटने अंदर की तरफ मुड़े होते हैं और पैर बाहर की तरफ होते है, चलने-फिरने और दौड़ने में घुटने आपस में टकराते हैं और घुटनों में दर्द बना रहता है. इस समस्या को ही नॉक नीज (Knock Knees) कहा जाता है.

Knock Knee Syndrome: चलते या दौड़ते समय आपस में क्यों टकराते हैं पैर, जानें नॉक नी सिंड्रोम का कारण और इलाज
Knock Knees: इस समस्या में चलने-फिरने और दौड़ने में घुटने आपस में टकराते हैं.

knock knee causes: भारत देश में लगभग 15 करोड़ से भी ज्यादा लोग घुटनों के दर्द और इससे जुड़ी कई समस्याओं से परेशान हैं. आज हम घुटनों से ही जुड़ी एक समस्या के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिसे नॉक नी या जेनु वेलगम सिंड्रोम कहा जाता है. नॉक नीज घुटनों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें घुटने अंदर की तरफ मुड़े होते हैं और पैर बाहर की तरफ होते है. इससे चलने-फिरने और दौड़ने में घुटने आपस में टकराते हैं और घुटनों में दर्द बना रहता है. इस समस्या को ही नॉकिंग नीज कहा जाता है. यहां जानें इस इस सिंड्रोम के लक्षण और इलाज के बारे में.

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छोटे बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है ये समस्या:

आमतौर पर किसी स्वस्थ व्यक्ति जिसके घुटनों में किसी तरह की दिक्कत नहीं है, खड़े होने पर दोनों घुटनों के बीच गैप होता है या ये कह सकते हैं कि, घुटने समानांतर होते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये समस्या सबसे ज्यादा छोटे बच्चों में देखने को मिलती है, लेकिन बचपन में लोग इसे सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और आगे चलकर यही एक बड़ी मुसीबत बन जाती है. आमतौर पर बच्चे जब एक से दो साल के होते हैं तो उनके घुटनों के आकार में थोड़ा अंतर होता है, लेकिन सामान्य रूप से आगे चलकर ये समस्या खुद ब खुद ठीक हो जाती है, अगर 6 से 7 साल के बीच भी ऐसे ही लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें नॉक नीज की समस्या हो सकती है, जिसके चलते बच्चों को चलने-फिरने और दौड़ने में भी खासी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उनके घुटनों में दर्द बना रहता है.

नॉक नीज के कारण (Causes Of Knock Knees)

एक्सपर्ट के मुताबिक नॉक नीज हड्डियों से जुड़ी एक समस्या है और ये कई कारणों से हो सकती है. खासतौर पर शरीर में पोषक तत्वों की कमी, हड्डी में संक्रमण, विटामिन डी की कमी, गठिया रोग, घुटनों में लगी कोई गंभीर चोट और जन्मजात के साथ साथ विकासात्मक बीमारी के कारण नॉक नीज जैसी समस्या होती है. वहीं इसके लक्षणों की बात करें तो घुटनों का अंदर की तरफ मुड़ा होना, चलने-फिरने में परेशानी होना, घुटनों और टखनों में दर्द बना रहना, चलने और दौड़ने में संतुलन की कमी और जोड़ों में दर्द या अकड़न मुख्य रूप से नॉक नीज़ समस्या के लक्षण हैं.

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नॉक नीज का उपचार (Knock Knees Treatment)

नॉक नीज या जेनु वेलगम जैसी समस्या हर व्यक्ति में अलग-अलग कारणों से पाई जाती है. उसी के आधार पर मरीजों का उपचार भी किया जाता है. शुरुआत में जेनु वेलगम या नॉक नीज की समस्या को मेडिकल मैनेजमेंट से दूर किया जा सकता है, जिसमें विटामिन डी की कमी के डोज मरीज को दिए जाते हैं, लेकिन जिन मरीजों में ये समस्या बहुत गंभीर होती है उन्हें अन्य तरह के इलाज की जरूरत होती है. कुछ गंभीर मामलों में तो सर्जरी की जरूरत हो सकती है ऐसी स्थितियों में घुटनों को बदलने के लिए ब्रेसिंग, घुटना अलाइनिंग ऑस्टियोटॉमी और विटामिन डी के डोज दिए जाते है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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