20 Sec Bladder Rule: क्या आपने कभी पेशाब करते समय घड़ी देखकर ये गिना है कि आपको पेशाब करने में कितना समय लगता है? यकीनन आपने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया होगा. लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि पेशाब करने में लगने वाले सेकंड गिनना आपके ब्लैडर की सेहत को समझने का एक आसान तरीका हो सकता है.
माय कॉन्फिडेंट ब्लैडर (MyConfidentBladder.com) की संस्थापक और नर्स प्रैक्टिशनर डॉ. जैनिस मिलर के मुताबिक, सामान्य तौर पर पेशाब करने में करीब 20 सेकंड लगने चाहिए. इसके लिए आप चाहें तो टाइमर लगा कर रख सकते हैं या फिर “वन-मिसिसिपी, टू-मिसिसिपी” गिनते हुए समय का अंदाजा लगा सकते हैं. अगर आपको पेशाब करने में 20 सेकंड से काफी कम या काफी ज्यादा समय लग रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि आप या तो बहुत ज्यादा बार पेशाब कर रहे हैं या फिर जरूरत से ज्यादा देर तक पेशाब रोकते हैं.
क्या है ‘20-सेकंड ब्लैडर रूल'?
डॉ. मिलर जिस “20-सेकंड ब्लैडर रूल” की बात करती हैं, उसकी जड़ें एक रिसर्च में हैं. ये रिसर्च जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Georgia Institute of Technology) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों ने किया था. दरअसल, ये छात्र पानी की टंकियों (वॉटर टावर) के बेहतर डिजाइन पर काम कर रहे थे. फ्लूइड डायनैमिक्स को समझने के लिए उन्होंने एक अनोखा तरीका अपनाया. जिसमें वो चिड़ियाघर गए और जानवरों को पेशाब करते हुए देखा. उन्होंने यह गिना कि पेशाब शुरू होने से खत्म होने तक जानवरों को कितना समय लगता है.
नतीजा चौंकाने वाला था. हाथी से लेकर खरगोश तक, लगभग हर जानवर औसतन 21 सेकंड में अपना ब्लैडर खाली करता है. इंसानों के लिए इसका मतलब लगभग एक कप पेशाब के बराबर है.
फ्लोरिडा में प्रैक्टिस करने वाली यूरोलॉजिस्ट डॉ. निकोल आइजनब्राउन के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दिन में लगभग आठ कप पानी पीता है, तो उसे करीब आठ बार पेशाब आना सामान्य माना जा सकता है.
ब्लैडर सेहत के लिए क्यों जरूरी है यह नियम?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह भले ही अजीब लगे, लेकिन यह अध्ययन ब्लैडर हेल्थ के लिए एक आसान गाइडलाइन तय करता है. अगर आपका ब्लैडर ठीक से भरा है, तो उसे खाली होने में लगभग 20–21 सेकंड लगने चाहिए.
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डॉ. मिलर सलाह देती हैं कि सुविधा के लिए 21 की जगह 20 सेकंड मानकर चलें और कुछ दिनों तक इस पर नजर रखें. अगर आप पाते हैं कि आपका समय हमेशा इससे काफी कम या ज्यादा है, तो अपनी आदतों पर गौर करें.
- क्या आप बहुत ज्यादा पानी पी रहे हैं या बहुत कम?
- क्या आप दिन में समय पर बाथरूम ब्रेक ले रहे हैं?
- या फिर आप जरूरत न होने पर भी सिर्फ अकेले रहने के लिए बाथरूम जा रहे हैं?
इन सवालों के जवाब आपकी ब्लैडर से जुड़ी आदतों को सुधारने में मदद कर सकते हैं.
ज्यादा देर तक पेशाब रोकना कितना खतरनाक?
मान लीजिए आप काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि बाथरूम जाना भूल जाते हैं. अचानक शाम 6 बजे आपको तेज दबाव महसूस होता है और आप 40 सेकंड तक पेशाब करते हैं तो ऐसा बार-बार करने से दिमाग “ब्लैडर भर गया” वाले संकेतों को नजरअंदाज करने लगता है. धीरे-धीरे ब्लैडर जरूरत से ज्यादा फैलने लगता है.
इसी को “नर्स ब्लैडर” या “टीचर ब्लैडर” कहा जाता है, क्योंकि नर्स, शिक्षक, ट्रक ड्राइवर और शिफ्ट में काम करने वाले लोग अक्सर पेशाब रोककर रखते हैं. लंबे समय तक ऐसा करने से ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और उनके वर्किंग फंक्शन पर असर पड़ सकता है.
जरूरत से ज्यादा बार पेशाब करने की आदत भी नुकसानदेह
इसके विपरीत, अगर आप आराम करने या फिर बोर होने पर बार-बार बाथरूम जाते हैं, तो आप ब्लैडर को यह सिखा देते हैं कि थोड़ी-सी मात्रा में भी आपको बाथरूम जाने की जरूरत है. इससे ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या हो सकती है, जिसमें बार-बार पेशाब की तेज इच्छा होती है, लेकिन मात्रा कम निकलती है.
ऐसे मामलों में डॉक्टर दवाओं के साथ-साथ ब्लैडर ट्रेनिंग की सलाह देते हैं, ताकि दिमाग और ब्लैडर के बीच सही तालमेल दोबारा बन सके.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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