
Vertigo Kya Hota Hai: वर्टिगो से दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हैं. वर्टिगो के लक्षणों के बारे में कम जानकारी होने के कारण कई लोगों को समय रहते इस रोग के बारे में पता नहीं चल पाता है. वर्टिगो रोग होने पर ऐसा लगता है कि आसपास की दुनिया घूम रही है या सब कुछ हिल रहा है. कई बार तो बेचैनी भी होने लग जाती है. वर्टिगो होने के कई कारण होते हैं, जैसे आंतरिक कान के विकार, सिर में लगी कई चोट या अन्य हेल्थ से जुड़े स्थितियां.
वर्टिगो के प्रकार
वर्टिगो दो प्रकार का होता है: पेरिफेरल और सेंट्रल. अधिकतर लोग पेरिफेरल वर्टिगो का शिकार होते हैं. इस स्थिति में क कान या वेस्टिबुलर नर्व में कोई समस्या होती है. जबकि सेंट्रल वर्टिगो कम ही लोगों में पाया जाता है. ये तब होता है जब मस्तिष्क से संबंधित कोई समस्या होती है. सेंट्रल वर्टिगो वाले लोगों में गंभीर लक्षण पाए जाते हैं
वर्टिगो से जुड़े लक्षण (Vertigo Kya Hota Hai)
- किसी चीज पर आंखों का फोकस नहीं कर पाना.
- अचानक से चक्कर आना या चक्कर जैसा महसूस करना
- कानों की सुनने की क्षमता पर असर पड़ना
- कानों में अलग सी आवाज महससू होना
- उल्टी का मन होना
- सिर में तेज दर्द होना
अगर आपको सेंट्रल वर्टिगो के कारण चक्कर आ रहा है, तो ये अन्य लक्षण भी हो सकते हैं-
- खाना खाने में परेशानी होना
- दो-दो चीजें दिखाई देना
- आंखों की मूवमेंट सही से नहीं होना
- बोलने में परेशानी होना
- अंगों का कमजोरी होना और सही से काम नहीं करना
उपाच
ऊपर बताए गए लक्षण महसूस होने लगे तो इन्हें नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें. वर्टिगो का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि आपको ये किस कारण से हुआ है. कुछ मामलों में ये दवाई से सही हो जाता है, तो कुछ मामलों में सर्जरी करनी पड़ जाती है
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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