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This Article is From Dec 13, 2019

Urological Health: यूरोलॉजिकल हेल्थ क्या है, जानें यूरोलॉजी प्रॉब्लम के बारे में सबकुछ...

Urinary tract infection (UTI): यूरोलॉजिकल बीमारियां (Urological Diseases) यानी मूत्र संबंधी रोग महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्गों सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. इस लेख में हम आपको बता रहे हैं मूत्र रोगों के इलाज, कारण और बचाव के उपायों के बारे में- 

Urological Health: यूरोलॉजिकल हेल्थ क्या है, जानें यूरोलॉजी प्रॉब्लम के बारे में सबकुछ...
Improve Urological Health: यहां पढ़ें मूत्र रोगों से बचने के उपाय.

यूरोलॉजिकल हेल्थ (Urological Health) यानी मूत्र संबंधी स्वास्थ्य सेहत के लिए बहुत जरूरी है. अक्सर पूछा जाता है कि यूरोलॉजी क्या है, तो आपको बता दें कि यूरोलॉजी एक मेडिसिन स्पेशिलिटी है यानी विशेषज्ञता, जो कि यूरिनरी ट्रेक (Urinary Tract Infection) जैसे किडनी, यूट्रस, ब्लैडर वगैरह से जुड़ी समस्याओं से संबंधी है. यूरोलॉजिकल बीमारियां (Urological diseases) यानी मूत्र संबंधी रोग महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्गों सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. इस लेख में हम आपको बता रहे हैं मूत्र रोगों के इलाज, कारण और बचाव के उपायों के बारे में- 

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मूत्र रोगों से बचने के उपाय (Tips to Improve Urological Health)

ऐसे बहुत से काम हैं जो कर आप बेहतर यूरिनरी हेल्थ पा सकते हैं. हेल्दी यूरिनरी ट्रेक के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. संपूर्ण मूत्र प्रणाली को रोग मुक्त बनाए रखने के लिए हम दे रहे हैं आपको कुछ टिप्स -

1. अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें, जलवायु परिस्थितियों के आधार पर एक दिन में 3 से 4 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए (यदि गुर्दे सामान्य रूप से काम कर रहे हैं). अपशिष्ट उत्पादों (Waste Products) ज्यादातर मूत्र के माध्यम से ही शरीर से बाहर जाते हैं. इसलिए जब आप ज्यादा पानी पीते हैं तो टॉक्सिन्स बाहर निकलने में मदद होती है. तो इस तरह आप ज्यादा पानी पीकर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सकते हैं.

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2. क्रैनबेरी जूस यूटीआई को कम (Reduce UTIs) करने में मदद करता है.

3. नमक, कैफीन और एल्कोहल का सेवन कम करें. शराब और कैफीन दोनों ही मूत्रवर्धक के रूप में काम करते हैं, जिससे यूरिनरी ब्लैडर की लाइनिंग में जलन की समस्या हो सकती है. जिससे बार-बार पेशाब करने की इच्छा बढ़ जाती है.

4. अच्छी और संतुलित डाइट को फॉलो करें. 

5. वजन कम करें अगर आपका बीएमआई ज्यादा है तो. 

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6. धूम्रपान बंद करना.

7. श्रोणि की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम करें. इसके लिए किगल व्यायाम बहुत ही सही होता है. 

8. लंबे समय तक मूत्र को रोकने की आदत छोड़ दें. 

9. बच्चों को सही तरह से टॉयलेट ट्रेनिंग दें. 

10. रात में सोने से पहले तरल पदार्थ का सेवन कम करें. 

11. जननांगों को साफ रखना भी जरूरी है. स्वच्छता का ध्यान रखें.

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मूत्र रोगों, यूटीआई और संक्रमणों से बचने के लिए क्या करें महिलाएं (Preventing urological problems in women)

Urinary Tract Infection: मूत्र संक्रमणों और रोगों के प्रति महिलाएं ज्यादा संवेदनशील होती हैं. क्योंकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के मूत्रमार्ग की लंबाई अधिक होती है. वॉशरूम का उपयोग करने के बाद, जननांग क्षेत्र को सामने के भाग से पीछे की ओर पोंछना चाहिए. योनि क्षेत्रों में सुगंधित साबुन और क्लीन्ज़र का उपयोग करने से बचें.

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Urinary Tract Infection: महिलाओं को मूत्र संक्रमण से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए.Photo Credit: iStock

किडनी और यूट्ररल स्टोन (Kidney and Ureteral Stones)

मूत्र को रोकने (Supersaturation of Urine) से पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है. यह मूत्र में क्रिस्टल के गठन से होता है, जो किडनी या पाइलोनफ्राइटिस में रुकावट का कारण बनता है और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है. ये मूत्र प्रवाह में रुकावट (Block in Urine) पैदा कर सकते हैं, जिससे गंभीर दर्द हो सकता है. स्टोन यानी पथरी कितनी तरह की होती है या पथरी के प्रकारों (type of stone helps) को समझ कर आप उसके इलाज में मदद पा सकते हैं. कुछ स्टोन जो आकार में बहुत छोटे हैं, को सेहतमंद आहार के साथ ठीक किया जा सकता है या उसे बढ़ने से रोका जा सकता है.

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इन बातों का अनुसरण कर आप अच्छी सेहत पा सकते हैं. इसके साथ ही साथ आप मूत्र संचारित संक्रमणों जिसे यूटीआई कहा जाता है से भी बच सकते हैं. वो कहते हैं न इलाज से बचाव बेहतर होता है. तो अपनी नियमित आदतों में जरा से बदलाव करें और बेहतर स्वास्थ्य की ओर अग्रसर हों...

(बिवेक कुमार, यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट और यूरो सर्जन, अपोलो स्पैक्ट्रा, बैंगलोर)

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