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International Picnic Day 2025: रिश्तों में मिठास और ज़िंदगी में राहत भरने का सबसे बढ़िया बहाना

International Picnic Day 2025 : हर दिन काम और जिम्मेदारियों से भरा होता है. ऐसे में अगर एक दिन ऐसा हो, जब हम सिर्फ हंसें, कुछ अच्छा खाएं और अपनों के साथ वक्त बिताएं, तो उसे पिकनिक कहा जाता है. 

International Picnic Day 2025: रिश्तों में मिठास और ज़िंदगी में राहत भरने का सबसे बढ़िया बहाना
जानिए क्यों खास है इंटरनेशनल पिकनिक डे

International Picnic Day 2025 : अंतर्राष्ट्रीय पिकनिक दिवस हर साल 18 जून को मनाया जाता है, ताकि लोग अपने व्यस्त जीवन से थोड़ा समय निकालकर सुकून भरे पल बिता सकें. इस दिन का मकसद बहुत सीधा है खुले आसमान के नीचे खाना खाइए, दोस्तों या परिवार के साथ हंसी-ठिठोली कीजिए और हर उन छोटी चीज़ का मज़ा लीजिए जिसे हम आम दिनों में नजरअंदाज कर देते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय पिकनिक दिवस (International Picnic Day)

पिकनिक का मतलब सिर्फ घूमना नहीं

कई बार लोग सोचते हैं कि पिकनिक का मतलब सिर्फ कहीं दूर जाना है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं, अगर आप बाहर नहीं जा सकते तो घर के ही किसी कोने में, छत पर या फिर बालकनी में भी पिकनिक का मज़ा लिया जा सकता है. एक चादर बिछाइए, कुछ हल्का खाना बनाइए और परिवार के साथ बैठ जाइए.

क्या रखें पिकनिक टोकरी में?

पिकनिक के लिए ज़रूरी नहीं कि आप कोई खास खाना बनाएं. कुछ आसान चीज़ें ही काफी हैं

1. सैंडविच:  जल्दी बनते हैं, भरपूर स्वाद होते हैं और कहीं भी खाए जा सकते हैं.
2. फल:  जैसे सेब, केला, अंगूर या तरबूज़  ये बिना किसी झंझट के सीधे खाए जा सकते हैं.
3. चिप्स या नमकीन:  हल्की भूख के लिए बढ़िया होते हैं.
4. जूस या नींबू पानी:  गर्मी में तरावट देने के लिए ज़रूरी है.

आप चाहें तो कुछ मीठा जैसे कुकीज़ या केक का छोटा टुकड़ा भी रख सकते हैं.

पिकनिक सिर्फ मस्ती ही नहीं, एक याद भी होती है

पिकनिक सिर्फ खाना खाने या बाहर बैठने का बहाना नहीं है. यह एक ऐसा पल है जब परिवार एक साथ हंसता है, दोस्त अपने पुराने किस्से दोहराते हैं और बच्चे पेड़ों के नीचे दौड़ते हैं. यही यादें बाद में दिल को सुकून देती हैं.

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    पिकनिक का इतिहास

    “पिकनिक” शब्द का जन्म फ्रांस में हुआ था. माना जाता है कि 1800 के दशक में फ्रांसीसी लोग खुले मैदानों में खाना लेकर जाते थे और वहीं बैठकर खाते थे. धीरे-धीरे यह चलन इंग्लैंड और फिर पूरी दुनिया में फैल गया.

    इंग्लैंड में पिकनिक सामाजिक मेल-जोल का बड़ा ज़रिया बन गया था. वहीं 1989 में ऑस्ट्रिया और हंगरी की सीमा पर एक ऐतिहासिक पिकनिक हुई थी, जिसे लोग आज भी याद करते हैं. यह पिकनिक सिर्फ खाने का मौका नहीं, बल्कि बदलाव की शुरुआत थी.

    आज क्यों जरूरी है पिकनिक?

    आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में पिकनिक जैसे मौके हमें थोड़ा रुकने, सोचने और अपनों को महसूस करने का मौका देते हैं. तो चाहे मौसम अच्छा हो या नहीं, आज खुद से वादा कीजिए. काम से थोड़ा ब्रेक लेंगे, अपने लिए कुछ वक्त निकालेंगे और इस पिकनिक दिवस को यादगार बनाएंगे.

    आधिकारिक तारीख : पिकनिक दिवस हर साल 18 जून को मनाया जाता है.

    (अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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