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अपने बच्चे को सीरियस डायग्नोस के बारे में कैसे बताएं? इन 6 बातों का रखें खास ख्याल

खुलकर बात करने से बच्चों को स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलती है. बातचीत करने से पहले तब तक इंतजार करें जब तक कि सदमे, उदासी या गुस्से की आपकी शुरुआती भावनाएं कम न हो जाएं.

अपने बच्चे को सीरियस डायग्नोस के बारे में कैसे बताएं? इन 6 बातों का रखें खास ख्याल
डायग्नोस को छिपाना तनावपूर्ण हो सकता है.

अपने बच्चे को किसी गंभीर बीमारी के बारे में बताना एक बहुत ही कठिन और संवेदनशील काम हो सकता है. यह जरूरी है कि आप इस बातचीत को सावधानीपूर्वक और स्नेहपूर्वक करें, ताकि आपका बच्चा इस नई स्थिति को समझ सके और इस पर ठीक से प्रतिक्रिया दे सके. आपको न केवल अपनी भावनाओं से निपटना है, बल्कि आपको अपने बच्चे को डॉक्टर के पास कई बार जाने, दवाइयों और टेस्ट के लिए भी तैयार करना है. 

गंभीर बीमारी या पुरानी मेडिकल कंडिशन का डायग्नोस परिवार में सभी के जीवन को बदल सकता है. एक अभिभावक के रूप में आप डायग्नोस को छिपाए रखने या बच्चे को बताने में देरी कर सकते हैं, लेकिन बच्चे बहुत सहज होते हैं और अपने आस-पास के बदलावों को समझ सकते हैं, इसलिए डायग्नोस को छिपाना तनाव का स्रोत हो सकता है. खुलकर बात करने से बच्चों को स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलती है. बातचीत करने से पहले तब तक इंतजार करें जब तक कि सदमे, उदासी या गुस्से की आपकी शुरुआती भावनाएं कम न हो जाएं.

इस मुश्किल समय में अपने बच्चें को डायग्नोस के बारे में कैसे बताएं? | How to tell children about the diagnosis?

1. सही समय और जगह चुनें

गंभीर बातचीत के लिए सही समय और जगह चुनना जरूरी है. आप एक शांत और प्राइवेट जगह पर हों जहां कोई बाधा न हो. यह भी सुनिश्चित करें कि आपके पास पर्याप्त समय हो ताकि आप बच्चे के सवालों का उत्तर दे सकें और उसे पूरी तरह से समझा सकें.

2. ईमानदार रहें

अपने बच्चे से ईमानदारी से बात करना जरूरी है. उन्हें उनकी उम्र और समझ के अनुसार सच्चाई बताएं. स्पष्ट और सरल भाषा का उपयोग करें ताकि बच्चा समझ सके कि क्या हो रहा है. अगर आप कुछ नहीं जानते हैं, तो उन्हें यह बताना भी जरूरी है कि आप जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं.

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3. उनके सवालों का उत्तर दें

बच्चे स्वाभाविक रूप से जिज्ञासु होते हैं और इस स्थिति में उनके मन में कई सवाल हो सकते हैं. उनके सवालों का धैर्यपूर्वक और सच्चाई से उत्तर दें. अगर आपको किसी सवाल का उत्तर नहीं पता है, तो यह स्वीकार करना ठीक है और उन्हें बताएं कि आप उत्तर खोजने की कोशिश करेंगे.

4. उनकी भावनाओं को मान्यता दें

यह समझना जरूरी है कि यह समाचार बच्चे के लिए भयभीत करने वाला हो सकता है. उनकी भावनाओं को मान्यता दें और उन्हें व्यक्त करने का मौका दें. उन्हें बताएं कि डर, गुस्सा या उदासी महसूस करना सामान्य है और यह भी कि आप उनके साथ हैं.

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5. सपोर्ट और आश्वासन दें

अपने बच्चे को यह आश्वासन दें कि आप हमेशा उनके साथ हैं और हर कदम पर उनका समर्थन करेंगे। उन्हें बताएं कि आप और डॉक्टर उनके स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं और उनकी देखभाल के लिए सबसे अच्छा प्रयास कर रहे हैं।

6. ट्रीटमेंट और आगे के प्लान के बारे में बात करें

उन्हें बताएं कि आगे क्या होने वाला है, चाहे वह ट्रीटमेंट, डॉक्टर की मुलाकात या अस्पताल में रहना हो. यह जानकारी उनके मन में आने वाले अनिश्चितता को कम कर सकती है और उन्हें तैयार कर सकती है.

अपने बच्चे से किसी गंभीर डायग्नोस के बारे में बात करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन सही अप्रोच और सेंसिटिविटी के साथ आप इस कठिन समय में उन्हें जरूरी सपोर्ट और समझ प्रदान कर सकते हैं. धैर्य, ईमानदारी और स्नेह से भरी यह बातचीत आपके बच्चे को इस नई वास्तविकता के साथ सामंजस्य बनाने में मदद कर सकती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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