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दोस्त बनाने में हिचकिचाता है आपका बच्चा? इन 6 तरीकों से करें फ्रेंड बनाने में उसकी मदद, अकेला नहीं रहेगा आपका लाड़ला

Simple Parenting Tips : अगर आपका बच्चा स्कूल या अपनी कॉलोनी में अकेला रहता है और उसे दोस्त बनाने में कठिनाई होती है, तो आपको उसे खुद को एक्सप्रेस करने और दूसरों से बात करने के लिए मोटिवेट करना चाहिए. इसके लिए कुछ सिंपल टिप्स आपके काम आ सकते हैं.

दोस्त बनाने में हिचकिचाता है आपका बच्चा? इन 6 तरीकों से करें फ्रेंड बनाने में उसकी मदद, अकेला नहीं रहेगा आपका लाड़ला
दोस्त बनाने में हिचकिचाता है आपका बच्चा? इन 6 तरीकों से करें उसकी मदद.

Simple Parenting Tips : बचपन के दोस्त जीवन की सबसे प्यारी यादों में से एक होते हैं, क्योंकि वे हमारे पहले साथी होते हैं, जिनके साथ हम अपनी खुशियां और ग़म शेयर करते हैं. अगर आपका बच्चा दोस्त बनाने में परेशानी महसूस कर रहा है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है. स्कूल, खेल का मैदान या अन्य एक्टिविटी करते समय अगर बच्चा अकेला महसूस करता है, तो यह उसके सेल्फ कॉन्फिडेंस और मेंटल हेल्थ (Mental Health) पर नकारात्मक असर डाल सकता है. ऐसे में, आपको उसके साथ समय बिताकर, उसकी फीलिंग्स को समझकर और उसे सोशल एक्टिविटी में शामिल होने के लिए मोटिवेट करना चाहिए. इससे उसका सेल्फ कॉन्फीडेंस बढ़ेगा और सोशल डेवलपमेंट में मदद मिलेगी.

तो चलिए जानते हैं कि आप कैसे अपने बच्चे को दोस्त बनाने में मदद कर सकते हैं. बच्चे को सेल्फ कॉन्फीडेंस बढ़ाने वाले कामों में शामिल करना चाहिए. बच्चों को छोटे-छोटे कामों में मिलकर नए दोस्त बनाने के तरीके सिखाएं.

10 तरीकों से करें दोस्त बनाने में बच्चों की मदद (Help Your Child to Make Friends With These 10 Tips)


1. बच्चों को दोस्ती करना सिखाएं : 

बच्चों को दोस्ती सिखाना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह उनके डेवलपमेंट में मुख्य भूमिका निभाता है. उन्हें यह समझाना चाहिए कि दोस्ती का मतलब सिर्फ साथ खेलना नहीं, बल्कि एक-दूसरे की मदद करना, अच्छे से व्यवहार करना और सम्मान देना है. बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि दोस्ती में ईमानदारी और समझदारी होनी चाहिए. अगर वे आपस में मिलकर काम करेंगे और एक-दूसरे का साथ देंगे, तो जीवन में और भी खुशियां आएंगी. दोस्ती से बच्चों को खुशी, सेफ्टी और सेल्फ कॉन्फिडेंस मिलता है.

2. सोशल स्किल्स सिखाएं

अपने बच्चे को सोशल स्किल्स सिखाना बहुत जरूरी है. रोलप्ले और ग्रुप एक्टिविटीज जैसे खेल या ग्रुप डिस्कशन इसके लिए इफेक्टिव तरीके हो सकते हैं. इनमें बच्चा डिफरेंट सिचुएशन का सामना करता है, जिससे उसे सामाजिक परिष्कार ( Social sophistication), टॉकिंग स्किल्स  और प्रॉब्लम्स को शेयर करने में मदद मिलती है. इसके अलावा, जब बच्चा अपनी प्रॉब्लम्स को खुलकर शेयर करता है, तो उसे उस प्रॉब्लम को समझने और सही करने का मौका मिलता है, जिससे उसके अंदर सेल्फ कॉन्फिडेंस आता है.

3. पॉसिटिव नेचर को दें बढ़ावा

बच्चे के पॉजिटिव बिहेवियर को बढ़ावा देना उसके मैंटल और इमोशनल बिहेवियर के लिए बेहद जरूरी है. इसके लिए, जब बच्चा अच्छा काम करता है, तो उसको एप्रिशिएट करें और उसे उसके अच्छे काम के लिए इनकरेज करें. यह प्रशंसा उसे सेल्फ मोटीवेट करती है और उसे अपने अच्छे कामों को जारी रखने के लिए मोटिवेट करती है. जब वह गलत करता है तो उसे सजा देने के बजाय समझाएं और उसकी गलतियों को सुधारने के तरीके बताएं. इससे बच्चा पॉसिटिव चेंजेस को अपनाता है और बेहतर व्यवहार करता है.

4. फ्रेंड की अच्छी क्वालिटी बताएं लेकिन तुलना ना करें 

बच्चे को उसके दोस्तों की अच्छाइयों के बारे में बताना अच्छा है, लेकिन यह जरूरी है कि हम उसकी तुलना किसी और के साथ न करें, चाहे वह भाई-बहन हो या पड़ोसी. ऐसा करने से बच्चे का कॉन्फिडेंस लूज़ हो सकता है. उदाहरण के लिए, "तुम्हारा दोस्त हमेशा हेल्फफुल होता है, वह दूसरों का ध्यान रखता है" कहकर आप उसे प्रेरित कर सकते हैं, लेकिन इसे किसी और से तुलना किए बिना बताएं. अपने बचपन की कहानियां सुनाते समय भी बच्चे की खुद से तुलना करने से बचें. यह जरूरी नहीं कि आपके बच्चे के बहुत सारे दोस्त हों, कुछ अच्छे दोस्त होना ज्यादा इंपोर्टेंट है. उसे अपने तरीके से दोस्तों के साथ रिलेशन बनाने दें.

5. बच्चों को दोस्तों के अलग-अलग नेचर के बारे में बताएं 

बच्चों को यह समझाना जरूरी है कि फ्रेंडशिप अलग-अलग तरह की होती हैं. स्कूल के दोस्त वे होते हैं, जिनसे पढ़ाई या खेल के दौरान मिलते हैं, लेकिन वे हमेशा साथ नहीं होते. घर के दोस्त, जैसे रिश्तेदार या पड़ोसी, परिवार जैसा महसूस होते हैं. सच्चे दोस्त वे होते हैं, जो न सिर्फ खुशियों में, बल्कि नेगेटिव समय में भी साथ होते हैं. इस समझ से बच्चे यह सीखते हैं कि सभी दोस्त बराबरी के नहीं होते हैं.

6. पॉसिटिव बनाएं घर का माहौल 

घर पर ऐसा माहौल बनाना जरूरी है, जिसमें आपका बच्चा अपने दोस्तों को बिना किसी झिझक के इनवाइट कर सके. इसके लिए, आप अपने घर को फ्रेंडली और कम्फ़र्टेबल बनाएं. बच्चे के दोस्त जब घर आएं, तो उनका स्वागत खुले दिल से करें, ताकि वे खुद को कम्फर्टेबल महसूस करें. बातचीत के दौरान बच्चों को खुलकर अपने थॉट डिसक्स करने का मौका दें. साथ ही, बच्चों के खेलने के लिए अच्छे और सेफ प्लेस एविलेवल कराएं, ताकि वे अपनी दोस्ती को और मजबूत कर सकें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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