
Fungal Disease Awareness Week: फंगल डिजीज अवेयरनेस वीक (FDAW) फंगल रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. ये हर साल 15 से 19 सितंबर तक आयोजित किया जाता है. एफडीएडब्लू (FDAW) रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) तथा अन्य संगठनों द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य गंभीर फंगल रोगों की शीघ्र पहचान के महत्व पर प्रकाश डालना है.
पहली बार कब मनाया गया था फंगल डिजीज अवेयरनेस वीक | When was Fungal Disease Awareness Week celebrated for the first time
फंगल डिजीज अवेयरनेस वीक पहली बार 14 से 18 अगस्त, 2017 को संयुक्त राज्य अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) और उसके सहयोगियों द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन इसके बाद तारीख को 15 से 19 सितंबर बदल दिया गया है.
कैसे होता है फंगल डिजीज | How does fungal disease occur?
फंगल रोग, जिन्हें माइकोसिस भी कहा जाता है, तब होते हैं जब पर्यावरण में सर्वव्यापी कवक शरीर में प्रवेश करते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं. ये संक्रमण विभिन्न तरीकों से हो सकते हैं, जिसमें बीजाणुओं का सांस के जरिए अंदर जाना, संक्रमित व्यक्तियों या सतहों के साथ त्वचा का संपर्क, या यहां तक कि त्वचा की मामूली चोटों के जरिए भी हो सकते हैं.
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फंगल संक्रमण के क्या लक्षण है ? | what are the symptoms of a fungal infection?
फंगल इंफेक्शन के लक्षण फंगस के प्रकार और शरीर के प्रभावित क्षेत्र के आधार पर बहुत भिन्न होते हैं. आम लक्षणों में लाल, खुजलीदार और पपड़ीदार त्वचा के चकत्ते, साथ ही मोटे, फीके और भंगुर नाखून शामिल हैं. कुछ मामलों में, लक्षणों में बुखार, खांसी, थकान और श्वसन संबंधी समस्याएं भी शामिल होती है.
कैसे पहचानें फंगल इंफेक्शन हुआ है | How to identify a fungal infection
त्वचा इंफेक्शन: त्वचा लाल, सूजी हुई और उभरी हुई दिखाई दे देनी लगती है.
खुजली: लगातार खुजली होना फंगल त्वचा इंफेक्शन का एक सामान्य लक्षण है.
स्केलिंग या क्रैकिंग: त्वचा पपड़ीदार, फटी हुई या परतदार हो सकती है.
सफेद या फीके धब्बे: फंगल संक्रमण के कारण त्वचा पर सफेद या फीके धब्बे हो सकते हैं.
मोटे, रंगही नाखून: अगर नाखून मोटे, रंगहीन (पीले, भूरे या सफेद) और भंगुर होने लगते हैं, तो ये भी फंगल इंफेक्शन के लक्षण हैं.
इन बातों को भी जानें
फंगल इंफेक्शन शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं. इसमें प्राइवेट पार्ट भी शामिल है. इसी के साथ बता दें, कुछ कुछ फंगल इंफेक्शन हल्के होते हैं और बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली एंटीफंगल दवाओं से उनका उपचार किया जा सकता है, जबकि कई फंगल इंफेक्शन काफी गंभीर होते हैं, जिन्हें सही ट्रीटमेंट की जरूरत होती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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