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This Article is From Jul 18, 2023

ठंड की वजह से हो जाए फ्रॉस्टबाइट तो जान लीजिए फर्स्ट एड का तरीका, ये करने से नहीं होगा ज्यादा नुकसान

Frostbite first aid: आप हल्के शीतदंश जिसे फ्रोस्टनिप कहते हैं का इलाज अपने आप कर सकते हैं लेकिन फ्रॉस्टबाइट के लिए मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है. आइए जानते हैं फ्रॉस्टबाइट होने पर फर्स्ट एड कैसे करना चाहिए.

ठंड की वजह से हो जाए फ्रॉस्टबाइट तो जान लीजिए फर्स्ट एड का तरीका, ये करने से नहीं होगा ज्यादा नुकसान
Frostbite first aid: फ्रॉस्टबाइट के लिए मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है.

First aid for Frostbite: बहुत ज्यादा ठंडे तापमान के संपर्क में आने के कारण स्किन और उसके नीचे की टिश्यूज के जम जाने की स्थिति को शीतदंश या फ्रॉस्टबाइट कहते हैं. फ्रॉस्टबाइट से सबसे अधिक उंगलियां, पैर की  उंगलियां, कान की लौ, गाल, ठोड़ी और नाक की नोक  प्रभावित होती हैं. इसके शुरुआती लक्षणों में त्वचा पर लाल धब्बे, जलन और दर्द शामिल हैं. स्थिति की गंभीरता बढ़ने पर त्वचा ठंडी, सुन्न, सफेद या भूरे रंग की हो जाती जाती है और स्टिफ व मोम जैसी दिखने लगने लगती है. आप हल्के शीतदंश जिसे फ्रोस्टनिप कहते हैं का इलाज अपने आप कर सकते हैं लेकिन फ्रॉस्टबाइट के लिए मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है. आइए जानते हैं फ्रॉस्टबाइट होने पर फर्स्ट एड कैसे करनी चाहिए

फ्रॉस्टबाइट के लिए फर्स्ट एड ( First aid for Frostbite)

1. हाइपोथर्मिया की जांच

अगर ऐसा लगे कि पीड़ित हाइपोथर्मिया का शिकार है तो तत्काल इमरजेंसी मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए. हाइपोथर्मिया के लक्षणों में तीव्र कंपकंपी, उनींदापन, भ्रम, हाथ कांपना और जबान लड़खड़ना शामिल है.

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2. स्किन को और ज्यादा नुकसान से बचाएं

अगर ऐसी कोई आशंका हो कि प्रभावित अंग फिर से जम जाएंगे तो उन्हें पिघलाने की कोशिश न करें. अगर वे पिघले हुए है तो उन्हें अच्छी तरह से कपड़े में लपेट दें ताकि अंग फिर से जमने न पाएं. अगर पीड़ित खुले स्थान पर है तो हाथों को आर्मपिट्स में दबा कर रखने को कहें. चेहरे, नाक और कानों को मफलर से अच्छी तरह से लपेट कर रखें. पैरों में फ्रॉस्टबाइट होने पर चलने से बचना चाहिए.

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3. ठंडी जगह से हट जाए

एक बार जब ठंडी जगह से हटकर गर्म जगह पर आ जाए तो गीले कपड़े उतार कर और गर्म कंबल में लपेट लें.

4. फ्रॉस्टबाइट अंगों को गर्माहट दें

फ्रॉस्टबाइट से प्रभावित उंगलियों और पैर के पंजों को 40 से 45 डिग्री तापमान वाले गर्म पानी में डालकर गर्माहट पहुंचाने की कोशिश करें. 20 से 25 मिनट तक या स्किन सामान्य होने तक गर्म पानी में रखें. फ्रॉस्टबाइट से प्रभावित अंगों को कभी भी सीधे हीट देने की कोशिश न करें.

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5. हॉट ड्रिंक्स का सेवन करें

चाय, कॉफी, हॉट चॉकलेट या सूप जैसी शरीर को गर्म रखने वाली ड्रिंक्स का सेवन करें. अल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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